पत्रकार हितों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आज स्टे्ट प्रेस क्लब उत्तराखंड के अध्यक्ष विश्वजीत नेगी व सदस्यों ने सचिवालय स्थित उनके कार्यालय कक्ष में मुलाकात की। इस दौरान पत्रकार हितों को लेकर काफी देर तक चर्चा की गई। जिसमें सीएम धामी ने भी अपनी सहमति जताई है। आइये जानते हैं पत्रकारो के हितों को लेकर किन-किन बातों पर चर्चा की गई।
दिवंगत पत्रकारों को लिए मांग
बता दें कि सीएम धामी के सामने उत्तराखंड स्टे्ट प्रेस क्लब अध्यक्ष विश्वजीत नेगी ने अपनी मांगो को पढ़ा। उन्होनें कोरोना काल में दिवंगत पत्रकारों के परिवार के एक सदस्य को उपनल के माध्यम से किसी भी विभाग में नियुक्ति देनी की मांग की। उन्होनें कहा कि पहले की सरकार में इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक रूप से सहमति भी दी गई थी, इसलिए विज्ञापन मान्यता समिति में जिस प्रकार मान्यता प्राप्त पत्रकार संगठनों से जुड़े पत्रकारों को रखा जाता है उसी तर्ज पर प्रेस मान्यता समिति में भी मान्यता प्राप्त पत्रकार संगठनों से जुड़े पत्रकारों को ही रखा जाए, विभागीय अधिकारियों की कमेटी को तत्काल हटाया जाए।
इस सम्बन्ध में प्रेस काउंसिल ऑफ इण्डिया द्वारा प्रदेश सरकार को निर्देशित भी किया गया था, जिस पर मुख्य सचिव उत्तराखण्ड शासन ने शपथ पत्र भी दिया था। वहीं पत्रकार कल्याण कोष में 1 करोड़ रूपये की धनराशि आपके माध्यम से दी जाए, जिससे पत्रकार कल्याण कोष की धनराशि बढ़ जाए, वर्ष 2013 के बाद किसी भी मुख्यमंत्री ने पत्रकार कल्याण कोष के लिए कोई भी धनराशि नहीं दी है।
तहसील स्तर के पत्रकारों को मिले मान्यता
तहसील स्तर के पत्रकारों को मान्यता न दिए जाने की वाध्यता को समाप्त किया जाए क्योंकि सभी पत्रकारों को मान्यता पाने का अधिकार है, अगर वह पात्रता के मानक पूर्ण करता है। प्रेस मान्यता नियामावली जो कि विधानसभा से पारित है उसके इतर सूचना विभाग द्वारा मनमाने ढंग से नियमों को तोड़ मरोड़ कर पत्रकारों को मान्यता से वंचित किया जा रहा है जो कि न्यायोचित नहीं है। ऐसे सभी नियमों को समाप्त किया जाए ताकि स्वच्छ प्रणाली लागू हो सके। जिन पत्रकारों को पेंशन मिल रही है, उनके गम्भीर बीमारी से ग्रसित होने पर पत्रकार कल्याण कोष से उनकी मदद की जाए, जिसके लिए नियमावली में संशोधन किया जाना नितांत आवश्यक है, जोकि आपके निर्देश पर ही हो सकता है।
वयोवद्ध पत्रकारों की पेंशन बढ़े
वयोवद्ध पत्रकारों की पेंशन को 8000 रूपये से बढ़ा कर 15000 हजार किया जाए, ताकि एक सम्मानजनक धनराशि से उनका जीवन यापन हो सके। पेंशन राशि बढ़ाये जाने से सरकार पर कोई अतिरिक्त भार नही पड़ेगा। क्योंकि उक्त पेंशन पत्रकार कल्याण कोष के ब्याज से दी जाती है। पत्रकार उत्पीड़न के मामलों में प्रदेश स्तर पर एक कमेठी का गठन किया जाए, जिसमें शासन स्तर से सचिव गृह, पुलिस महानिदेशक व स्टेट प्रेस क्लब उत्तराखण्ड के प्रतिनिधि को शामिल किया जाए।
उत्त्तरकाशी अतरिक्त जिला सूचना अधिकारी के कार्यप्रणाली से आक्रोशित जनपद सहित रवांई घाटी पत्रकार संघ के जनपद से हटाए जाने के मांग पत्र के बाद मुख्यमंत्री धामी ने सचिव विनय शंकर पांडे को उक्त सभी मांगो के निस्तारण के निर्देश दिए।
ये पत्रकार रहे शामिल
इस प्रतिनिधिमंडल में उत्तराखंड स्टेट प्रेस क्लब अध्यक्ष विश्वजीत नेगी,उपाध्यक्ष सुनील थपलियाल उत्त्तरकाशी,कोषाध्यक्ष ज्ञान प्रकाश पांडे हरिद्वार,गणेश खुगशाल गणि पौड़ी,बसंत निगम ,दिनेश शास्त्री देहरादून, योगेश राणा,राजीव चावल उधमसिंह नगर,कंचन वर्मा रुद्रपुर, नवीन कुमार रुड़की,विशाल कोहली चंपावत,संजय रावत नैनीताल,राजेश सरकार हल्द्वानी आदि पत्रकार सदस्य शामिल थे।