चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण 21 फरवरी से शुरू हो चुके हैं। बुधवार को यात्रा के लिए 30 हजार से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है। दो दिन में केदारनाथ व बदरीनाथ धाम के लिए 61250 पंजीकरण हो गए हैं। इस बार चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण व्यवस्था बाहरी राज्यों के तीर्थयात्रियों के साथ ही प्रदेश के लोगों के लिए भी अनिवार्य कर दिया है।
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प्रदेश के लोगों के लिए भी पंजीकरण अनिवार्य
उत्तराखंड के लोगों को भी केदारनाथ-बदरीनाथ सहित चारधाम दर्शन के लिए पंजीकरण कराना होगा। दर्शनार्थियों की संख्या जानने के लिए इस बार यह व्यवस्था की गई है। चारधाम दर्शन के लिए इस बार सरकार ने आनलाइन पंजीकरण अनिवार्य किया है। स्थानीय लोग भी इस दायरे में आएगे। पिछले साल स्थानीय लोगों को पंजीकरण से छूट दी गई थी।
प्रदेश के तीर्थ यात्रियों के लिए पंजीकरण पर विरोध
मिली जानकारी के अनुसार चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी ने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए राज्य के लोगों के लिए पंजीकरण की शर्त रखा जाना गलत है। इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर इस व्यवस्था को खत्म करने की मांग की है।
सिर्फ बदरीनाथ और केदारनाथ के लिए ही शुरू हुए पंजीकरण
अभी तक पंजीकरण की सुविधा बदरीनाथ व केदारनाथ की यात्रा के लिए है। जबकि गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित होने के बाद ही इन दोनों धामों के लिए पंजीकरण शुरू होगा। फिर चारों धामों के लिए एक ही पंजीकरण पर्याप्त होगा।
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वाहन बीच में रोकने की अनुमति नहीं
इस बार चारधाम यात्रा के लिए यातायात प्रबंधन पर खास फोकस किया गया है। इसके तहत वाहनों की संख्या बढ़ने नहीं दी जाएगी। इस बार तय किया गया है कि किसी भी वाहन को यात्रा मार्ग पर बीच में नहीं रोका जाएगा। व्यावसायिक वाहन रोटेशन पर चलते हैं, जिन्हें बीच में रोकने से अव्यवस्थाएं बढ़ जाती हैं।
वाहनों का पंजीकरण
चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों से अपने वाहनों का पंजीकरण कराने को भी कहा गया है। इसके लिए वेबसाइट greencard.uk.gov.in जारी की गई है। व्यावसायिक वाहनों पर वीएलटीएस (व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग सिस्टम) लागू हो रहा है। अब वाहनों में इसे लगाना अनिवार्य किया जा रहा है।