Highlight : लोक निर्माण विभाग की ट्रॉली बंद होने से लोग परेशान, जान जोखिम में डालकर लकड़ी के सहारे नदी पार कर रहे ग्रामीण - Khabar Uttarakhand - Latest Uttarakhand News In Hindi, उत्तराखंड समाचार

लोक निर्माण विभाग की ट्रॉली बंद होने से लोग परेशान, जान जोखिम में डालकर लकड़ी के सहारे नदी पार कर रहे ग्रामीण

Yogita Bisht
3 Min Read
जान जोखिम में

उत्तरकाशी जिले के मोरी विकासखंड के लिवाड़ी गांव में लोक निर्माण विभाग की ट्रॉली बंद होने के कारण ग्रामीण जान जोखिम में डालकर सुपिन नदी को पेड़ के तने के सहारे पार कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पुल और ट्रॉली नहीं होने के कारण राशन गांव में पहुंचाने में सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है। ग्रामीण एक किलो समान भी गांव तक पहुंचाने के लिए जंग लड़ रहे हैं।

लोक निर्माण विभाग की ट्रॉली बन्द होने से लोग परेशान

लिवाड़ी गांव के लिए कासला से सुपिन नदी पर लोक निर्माण विभाग की ओर से ट्रॉली लगाई गई थी। लेकिन वो ट्रॉली इन दिनों बंद पड़ी हुई है। लिवाड़ी गांव ग्रामीणों ने बताया कि पहले सुपिन नदी पर ग्रामीणों ने एक पुल बनाया था। नदी के तेज बहाव के कारण वो गया। उसके बाद लोक निर्माण विभाग ने वहां पर एक ट्रॉली लगाई लेकिन वो भी कुछ समय तक चली। उसके बाद वो भी बंद हो गई। कभी अगर विभाग को याद आती है तो मात्र 10 से पांच बजे तक चलाते हैं और उसके बाद बंद कर दी जाती है।

UTTARAKHAND
जान जोखिम में नदी पार कर रहे लोग

जान जोखिम में डालकर लकड़ी के सहारे नदी पार कर रहे ग्रामीण

पुल बह जाने के बाद से लोग परेशान है। अब ग्रामीण पेड़ के तने का पुल बनाकर आवाजाही कर रहे हैं। नदी को पार करते समय हल्का भी पैर फिसला तो सीधे नदी के तेज बहाव में बहने का खतरा बना रहता है। ऐसे में जब गांव में राशन पहुंचाना भी मुश्किल हो रहा है। अगर इस दौरान कोई बीमार पड़ जाता है तो उसे अस्पताल कैसे लाया जाएगा किसी को भी नहीं पता।

UTTARAKHAND
रस्सी के सहारे रास्ता पार कर रहे लोग

नदी को रस्सी के सहारे पार कर रहे लोग

दूसरी तस्वीर भी मोरी विकास खंड के फैताडी गांव की है। जहां ग्रामीण ओबरा नदी को रस्सी के सहारे पार करते हुए अपने गांव जाने को विवश हैं। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि नदी के किनारे बना पैदल रास्ता बह गया है। जिस कारण ग्रामीण रस्सी के सहारे जान जोखिम में डालकर खड़ी चट्टान को चढ़कर अपने गांव जाने का प्रयास कर रहे हैं। इस दौरान हादसे का भय हर समय बना हुआ है।

Share This Article
योगिता बिष्ट उत्तराखंड की युवा पत्रकार हैं और राजनीतिक और सामाजिक हलचलों पर पैनी नजर रखती हैंं। योगिता को डिजिटल मीडिया में कंटेंट क्रिएशन का खासा अनुभव है।