उत्तराखंड में एयर एंबुलेंस की सख्त जरुरत है। ऐसा माना जा रहा है कि प्रदेश में मरीजों के लिए एयर एंबुलेंस सेवा जल्द शुरू हो सकती है, नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर के अनुसार एयर एंबुलेंस के संबंध में टेंडरिंग प्रक्रिया संपन्न होने का इंतजार हो रहा है। जैसे ही टेंडरिंग प्रक्रिया संपन्न होगी उसके बाद एयर एंबुलेंस को ऋषिकेश परिसर में तैनाती की जाएगी।
उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण प्रदेश में हर वक्त आपदा जैसे हालात बने रहते हैं। ऐसे में आपदा या किसी अन्य हादसे के दौरान मरीजों या घायलों की जान बचाने के लिए उपचार की जल्द आवश्यकता होती है। लेकिन ऐसी सुविधा नहीं मिल पाने के कारण मरीज की जान चली जाती है। इन्हीं परिस्थितियों से निपटने के लिए उत्तराखंड सरकार जल्द एयर एंबुलेंस सेवा शुरू कर सकती है। बता दें कि भारत सरकार से एक प्रस्ताव सरकार को प्राप्त हुआ था, जिसके तहत पायलट बेसिस पर अगले एक साल के लिए हेली एंबुलेंस चलाया जाना प्रस्तावित है।
हालांकि, एयर एंबुलेंस को लेकर टेंडरिंग प्रक्रिया और पार्ट पेमेंट भी केंद्र सरकार की द्वारा किया जाएगा। साथ ही इसके लिए राज्य सरकार की भी कुछ सहभागिता होगी। दरअसल प्रस्ताव के अंर्तगत एयर एंबुलेंस के संचालन के संबंध में आवश्यक क्लीयरेंस राज्य सरकार की ओर से दिया जाना है, जिस संबंध में राज्य सरकार ने क्लीयरेंस दे दी है। साथ ही एयर एंबुलेंस को लेने में जो खर्च आएगा, उसमें से आधा खर्च प्रदेश सरकार करना पड़ेगा।
हालांकि, इन सभी मामलों में राज्य सरकार की सहमति के बाद एयर एंबुलेंस के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। जैसे ही टेंडर प्रक्रिया संपन्न होगी एयर एंबुलेंस की तैनाती ऋषिकेश परिसर में कर दी जाएगी। इसके साथ ही एयर एंबुलेंस का उत्तराखंड में संचालन शुरू हो जाएगा। नागरिक उड्डयन सचिव दिलीप जावलकर के अनुसार एयर एंबुलेंस के संबंध में टेंडरिंग प्रक्रिया संपन्न होने का इंतजार हो रहा है।
जैसे ही टेंडरिंग प्रक्रिया संपन्न होगी उसके बाद एयर एंबुलेंस को ऋषिकेश परिसर में तैनाती की जाएगी। जहां भी एंबुलेंस की आवश्यकता होगी, वहां पर एयर एंबुलेंस को भेजा जाएगा, जिससे मरीजों को एम्स में समय रहते उपचार मिल जाए और उनकी जान बच जाए।