हेमकुंड साहिब की यात्रा 20 मई से शुरू हुई थी। यात्रा शुरू होने के साथ ही मौसम लगातार खराब बना हुआ है। इसके बादजूद श्रद्धालुओं का जोश कम नहीं हो रहा है। हर दिन बर्फ की गलियों से गुजरने के बाद डेढ़ हजार यात्री हेमकुंड साहिब के दर्शन कर रहे हैं।
खराब मौसम पर आस्था पड़ रही भारी
हेमकुंड साहिब यात्रा 20 मई से शुरू हुई थी। तब से लेकर अब तक लगातार मौसम खराब बना हुआ है। बर्फबारी के कारण कई बार यात्रा को स्थगित भी किया जा चुका है। खराब मौसम पर आस्था भारी पड़ रही है। खराब मौसम के बावजूद तीर्थयात्री हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए पहुंच रहे हैं।
बर्फ की गलियों से होकर हेमकुंड साहिब पहुंच रहे यात्री
इस बार अप्रैल और मी के महीने में जमकर बर्फबारी हुई है। जिसके कारण हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर छह फीट की बर्फ जमी हुई है। अब भी मौसम खराब होने के कारण बर्फबारी हो रही है। बर्फ को काटकर गुरूद्वारे के सेवादारों और सेना के जवानों के द्वारा आस्था के पथ को साफ किया गया।
एक-दूसरे का हाथ पकड़ आगे बढ़ रहे यात्री
हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा में यात्रा मार्ग पर अटलाकुड़ी से हेमकुंड साहिब तक मार्ग पर भारी बर्फ बिछी हुई है। जिस कारण तीर्थयात्री बर्फ की गलियों से गुजर कर धाम पहुंच रहे हैं।
भगदड़ की स्थिति से बचने के लिए यात्री जो बोले सो निहाल के जयकारों के साथ एक दूसरे का हाथ पकड़कर आगे बढ़ रहे हैं। ज्यादातर यात्री घोड़े-खच्चरों के बजाय हेमकुंड साहिब पैदल यात्रा कर रहे हैं।
मंगलवार को 1755 तीर्थयात्रियों ने किए दर्शन
खराब मौसम के बाद भी श्रद्धालु गर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। मंगलवार को 1755 तीर्थयात्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे पहुंचे। और गुरूद्वारे में मत्था टेका। यात्री गुरूवाणी का पाठ कर यात्रा की शुरूआत कर रहे हैं। बता दें कि अभी फिलहाल हेमकुंड साहिब यात्रा पर बच्चों और बुजुर्गों के आने पर रोक है।