उत्तराखंड में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश के 3900 क्लस्टर में जैविक खेती को खास तौर पर बढ़ावा दिया जा रहा है। सीएम धामी के नेतृत्व में उत्तराखण्ड सरकार खेती-किसानी की तरक्की के लिए लगातार कोशिश कर रही है। इसके लिए कृषि विभाग कई कल्याणकारी योजनाएं चला रहा है। साथ ही केंद्र सरकार की अहम योजनाओं के लाभ भी प्रदेश के किसानों तक पहुंचाए जा रहे हैं।
उत्तराखंड में जैविक खेती को दिया जा रहा बढ़ावाट
उत्तराखंड में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग किसानों को प्रमाणित बीज वितरण, कृषि उपकरणों की उपलब्धता, सिंचाई सुविधा, उर्वरक, कीट नियंत्रण, फसल बीमा की सुविधा देने के साथ ही केंद्र सरकार के सहयोग से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।
सरकार किसानों को अपने खेत की मिट्टी के पोषक तत्वों की जांच करते हुए, उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत भारत सरकार द्वारा इस वित्तीय वर्ष में 508. 89 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
सम्मान निधि से लाभांवित हो रहे हैं 8.88 लाख किसान
परम्परागत कृषि विकास योजना के तहत कलस्टर के आधार पर चयनित गांवों जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्तमान में यह योजना 3900 क्लस्टर में संचालित की जा रही है, इसके लिए भारत सरकार ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में 13127.40 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रदेश में 8.88 लाख पंजीकृत किसानों को हर साल छह हजार रुपए की धनराशि डीबीटी के माध्यम से उनके खाते में दी जा रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 178.04 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई गई है। योजना के तहत अब तक प्रदेश में कुल 2757.20 करोड़ की धनराशि वितरित की जा चुकी की है। इसी तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत एक अप्रैल से सभी जनपदों में चावल और मंडुआ फसल को योजना के तहत कवर किया जा रहा है।
एससी – एसटी बहुल गांवों के लिए विशेष योजना
सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति के छोटी जोत वाले किसानों के लिए विशेष कृषि विकास कार्यक्रम चला रही है। इसके तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष में चयनित गांवों के लिए 700 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता आधुनिक तकनीक और नवाचारों को किसानों तक पहुंचाना है। जिससे खेती अधिक लाभकारी और टिकाऊ बन सके। उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए जैविक खेती, फल उत्पादन और औषधीय पौधों की खेती को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है।