देहरादून में बेरोजगार युवाओं का बीती रात जबरन धरना खत्म करवाया गया था। कल रात देहरादून पुलिस ने शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार युवाओं पर लाठीचार्ज करवाया था। छात्र-छात्राओं को जबकन घसीटकर उन्हें धरना स्थल से हटाया गया था। जिसके विरोध में आज बेरोजगार युवाओं ने गांधी पार्क में धरना दिया। जिसके बाद उन्होंने फिर से वहां से हटाने की कोशिश की गई। युवाओं ने घंटाघर पर जाम लगाकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। अब बड़ा सवाल ये है कि आखिर किस अधिकारी ने इस लाठीचार्ज की इजाजत दी? एसएसपी या फिर किसी और बड़े अधिकारी ने? यही नहीं, युवाओं पर हुए इस लाठीचार्ज के चलते सरकार को जवाब देना मुश्किल हो जाएगा।
युवाओं पर फिर हुआ लाठीचार्ज
युवाओं के प्रदर्शन के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर हो रहा है। इसी बीच सीएम धामी ने युवाओं से किसी के बहकावे में ना आने की अपील की थी। लेकिन अब एक बार फिर से प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार युवाओं पर लाठीचार्ज करवाया गया है। जिसके बाद सवाल उठता है कि क्या देहरादून पुलिस की ये गलती सरकार पर भारी पड़ेगी।
देहरादून पुलिस की गलती सरकार पर भारी पड़ेगी
शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर एक बार नहीं दो बार लाठीचार्ज करवाया गया है। जिस लाठीचार्ज के विरोध में पूरे प्रदेश भर में युवा प्रदर्शन कर रहे हैं उसी लाठीचार्ज को युवाओं पर दोबारा करवा दिया गया है। जिसके बाद युवाओं में अब भारी असंतोष व्याप्त हो गया है।
देहरादून पुलिस के इस कदम की चारों ओर निंदा हो रही है। इस बीच सवाल उठ रहे हैं कि देहरादून पुलिस की इस गलती का खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा। वर्तमान की स्थितियों को देखकर ऐसा लग रहा है कि देहरादून पुलिस की गलती का उत्तराखंड सरकार को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
लाठीचार्ज के बाद युवा अब सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी कर रहे हैं। अपने हक के लिए शांति से प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने अब गांधी पार्क को अपना ठिकाना बनाया है।