इसके बाद उन्होंने 24 घंटे में शुद्ध पेयजल आपूर्ति सुचारू कराने के निर्देश दिए। तहसील दिवस में कुल 111 शिकायतें आई, अधिकांश मामले भूमि विवाद से जुड़े थे। इस दौरान चकबंदी के जिला बंदोबस्त अधिकारी के बिना बताए पौड़ी जाने पर जिलाधिकारी दीपक रावत ने नाराजगी जताते हुए उनका वेतन रोकने के निर्देश दिए।
रुड़की तहसील मुख्यालय पर मंगलवार को तहसील दिवस का आयोजन किया गया। तहसील दिवस में तमाम विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। जिसमें लोग अपनी तमाम समस्याएं लेकर जिलाधिकारी के समक्ष आए.
जिसके बाद डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि संबंधित शिकायतों का निस्तारण 15 दिन के अंदर हो जाना चाहिए। इस मौके पर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट मयूर दीक्षित, सीडीओ एसएस भदौरिया, एचआरडीए के सचिव बंशीधर तिवारी, विधायक प्रदीप बत्रा, एसपी देहात मणिकांत मिश्रा, एआरटीओ शैलेष तिवारी, डीपीआरओ आरसी त्रिपाठी समेत तमाम अधिकारी मौजूद थे।
स्टांप वेंडर और टाइपिस्ट काउंटर का किया निरीक्षण
जिलाधिकारी ने रुड़की तहसील पहुंचकर टाइपिस्ट के बारे में छानबीन की। जेएम के कार्यालय के समीप ही एक टाइपिस्ट बिना लाइसेंस के बैठा हुआ मिला। उसका पंजीकरण मार्च में समाप्त हो चुका था। इसके बाद उन्होंने स्टांप विक्रेताओं के काउंटर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने लोगों से भी स्टांप की कीमत पूछी। इसके बाद डीएम ने निर्देश दिए कि स्टांप की रेट लिस्ट सार्वजनिक होगी। साथ ही टाइपिस्ट भी रेट लिस्ट लगाएंगे। डीएम की इस कार्रवाई के दौरान कई लोग अपने काउंटर बंद कर भाग निकले।
अदालत के मामलों को न उठाएं शिविरों में
जिलाधिकारी दीपक रावत ने तहसील दिवस के दौरान पाया कि बड़ी संख्या में भूमि विवाद से जुड़े मामले आ रहे हैं तो उन्होंने निर्देश दिए कि भूमि से जुड़े जो मामले विभिन्न अदालतों में चल रहे हैं, उनको तहसील दिवस या जनता दरबार आदि में न रखा जाए। इससे समय की बर्बादी होती है।