भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित नेलांग घाटी में रात को भी पर्यटक ठहर सकेंगे। पहले इनरलाइन बाध्यताओं के चलते यहां पर रात को रूकने की मनाही थी। लेकिन अब इस रोक को हटा दिया गया है।
अब रात में नेलांग घाटी में रूक सकेंगे पर्यटक
नेलांग घाटी भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित है। इसकी खूबसूरती को निहारने के लिए पर्यटक दूर-दूर से आते हैं। यहां आने वाले पर्यटकों के लिए खुशखबरी है। अब पर्यटक रात को भी नेलांग घाटी में रूक सकेंगे। पहले इनरलाइन बाध्यताओं के चलते यहां पर पर्यटक रात्रि विश्राम नहीं कर सकते थे।
गंगोत्री नेशनल पार्क ने शुरू की तैयारी
पर्यटकों के रात में नेलांग घाटी में रूकने के लिए गंगोत्री नेशनल पार्क ने तैयारी शुरू कर दी है। गंगोत्री नेशनल पार्क की ओर से भैरो घाटी और नेलांग के बीच दो जगहों पर कारछा और चोरगाड़ में टेंट कॉलोनी बनाई जाएगी। जिसके लिए प्रशासन ने 20 लाख का प्रारंभिक इस्टीमेट तैयार किया है।
52 साल बाद साल 2015 में पर्यटन के लिए खोली गई थी घाटी
नेलांग घाटी प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है। ये क्षेत्र बिल्कुल लद्दाख, स्पीति और तिब्बत जैसा दिखता है। लेकिन घाटी में इनरलाइन बाध्यताओं के कारण वहां पर आवाजाही को बंद किया गया था। 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद पर्यटकों के लिए इसे बंद कर दिया गया था। साल 2015 में 52 साल बाद पर्यटकों के लिए खोली गी थी।
वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत लिया गया ये फैसला
वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत नेलांग घाटी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ये फैसला लिया गया है। लेकिन यहां पर रात को रूकने वाले पर्यटकों को एसडीएम सहित गंगोत्री नेशनल पार्क की शर्तों के अनुरूप रहने की अनुमति दी जाएगी। माना जा रहा है कि इस कदम के बाद नेलांग घाटी में पर्यटन में और विस्तार होगा और गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन को आय का एकऔर स्त्रोत मिलेगा।