प्रदेश के निजी विवि की मनमानी पर अब रोक लगने जा रही है। उत्तराखंड में सभी विवि एक ही एक्ट से चलेंगे। इन विवि के अंब्रेला एक्ट के विधेयक को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
प्रदेश में अब प्राइवेट विवि की मनमानी पर लगेगी रोक
प्रदेश में अब प्राइवेट विवि की मनमानी पर जल्द ही रोक लगने जा रही है। प्रदेश के सभी निजि विश्वविद्यायल एक ही एक्ट से चलेंगे। इन विश्वविद्यालयों के अंब्रेला एक्ट के विधेयक को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। विधानसभा में पास होने के बाद इसे राजभवन भेजा जाएगा।
अब चांसलर नहीं राज्यपाल होंगे कुलाध्यक्ष
अभी तक प्रदेश के सभी निजी विवि अपने स्तर से कुलपति का चयन करते थे। लेकिन इस एक्ट के प्रभावी होने के बाद कुलपति का चयन सर्च कमेटी करेगी। ये कमेटी यूजीसी के सभी नियमों का पालन करेगी।
इस एक्ट की सबसे खास बात ये है कि अब निजि विवि में चांसलर का पद नहीं होगा। बल्कि इसके बदले राज्यपाल निजि विश्वविद्यालयों के कुलाध्यक्ष होंगे। बता दें कि विवि के चांसलर पद पर आसीन प्रबंधन के अधिकारी अब से अध्यक्ष कहलाएंगे।
कुलाध्यक्ष की अध्यक्षता में बनेगी सर्च कमेटी
बता दें कि कुलपति के चयन की सर्च कमेटी का गठन कुलाध्यक्ष की अध्यक्षता में किया जाएगा। इस कमेटी में विवि के अध्यक्ष, व्यवस्थापक मंडल से दो सदस्य, यूजीसी का सदस्य, सचिव उच्च शिक्षा सदस्य शामिल होंगे।
इसके साथ ही अब से निजी विवि में उत्तराखंड मूल के छात्रों का अनिवार्य तौर पर 25 प्रतिशत शुल्क माफ होगा। उत्तराखंड मूल के छात्रों के लिए भी पाठ्यक्रमों में 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखी जाएंगी। ये व्यवस्था अंब्रेला एक्ट के प्रभावी होने के बाद से लागू हो जाएगी।