उत्तराखंड में अब नीलकंठ महादेव आने वाले पर्यटकों को जल्द ही आरामदायक सफर का आनंद मिल सकेगा। कैबिनेट बैठक में इसके लिए ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव मंदिर तक पीपीपी मोड़ पर रोपवे बनाने की मंजूरी दे दी है। इस रोपवे की डीपीआर तैयार हो गई है।
कैबिनेट बैठक में मिली प्रस्ताव को मंजूरी
मंत्रिमंडल की बैठक में रोपवे का मुद्दा रखा गया बताया कि इस रोपवे की कुल लंबाई 6585 मीटर, यानी की 6.5 किलोमीटर होगी। इसमें 465 करोड़ रुपये का व्यय आना संभावित है। इस रोपवे में चार स्टेशन बनाए जाएंगे। उम्मीद है की दो साल के भीतर रोपवे तैयार हो जाएगा।
रोपवे के चयनित स्टेशन
रोपवे का पहला स्टेशन आइएसबीटी ऋषिकेश, दूसरा स्टेशन त्रिवेणी घाट, तीसरा स्टेशन नीलकंठ महादेव मंदिर और चौथा स्टेशन पार्वती मंदिर में होगा। यह रोपवे आने वाले 30 वर्षों के लिए पीपीपी मोड पर दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक इसका जिम्मा मेट्रो कारपोरेशन को दिया जाएगा। बता दें यही कारपोरेशन उत्तराखंड में नियो मेट्रो का भी कार्य कर रहा है।
बीते साल केदारनाथ रोपवे को दिखाई थी हरी झंडी
बीते साल राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की बैठक में पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ रोपवे को मंजूरी दी गई थी। सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए करीब 13 किलोमीटर लंबे रोपवे के बनने से धाम तक की दूरी 30 मिनट में पूरी की जा सकेगी। समुद्रतल से साढ़े ग्यारह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ धाम के लिए सोनप्रयाग से करीब 18 से 20 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है है। जिसके लिए आठ घंटे का सफर तय करना होता है। रोपवे बनने के बाद ये दूरी महज 30 मिनट में पूरी की जाएगी।