अतीक-अशरफ हत्याकांड को लेकर नया खुलासा हुआ है। सांसद और माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर गोलियां बरसाकर उन्हें मौत की नींद सुलाने वाले कातिलों में शामिल अरुण मौर्य अतीक के बेटे असद के शेर-ए-अतीक व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ा था। इस व्हाट्सएप ग्रुप में प्रयागराज के अलावा कौशांबी, प्रतापगढ़, फतेहपुर, सुल्तानपुर, कानपुर सहित यूपी के 20 से ज्यादा जिलों के साथ ही दूसरे प्रदेशों के भी तमाम लोग जुड़े थे। हालांकि बाद में अरूण ने ग्रुप छोड़ दिया था । उसने ग्रुप क्यों छोड़ा पुलिस इसकी जामच कर रही है।
ग्रुप में शेयर होते थे अतीक के किस्से
बताया जा रहा है कि इस वॉट्सएप ग्रुप में ऐसे वीडियो और फोटो शेयर किए जाते थे, जिसमें अतीक के बादशाहत की दास्तां बताई जाती थी। उसके दहशत और लोकप्रियता के बारे में वीडियो और फोटो के माध्यम से बताया जाता था। हालांकि बाद में अरुण मौर्य ने ये वॉट्सएप ग्रुप छोड़ दिया और गैंग 90 नाम के दूसरे वॉट्सएप ग्रुप से जुड़ गया। ये सारी जानकारी SIT के हाथ लग गई हैं।
अरुण पर 18 साल की उम्र में दर्ज पहला केस
करीब 18 साल की उम्र में अरुण मौर्य पर पानीपत में पहली बार शस्त्र अधिनियम के तहत पहला मामला दर्ज किया गया था। अरुण पर फरवरी, 2022 में शस्त्र अधिनियम के तहत और उसी साल मई में एक अन्य मामला दर्ज किया गया था। वह जेल भी गया था।