नवरात्रि हिन्दू धर्म में प्रमुख पर्व है। नवरात्री के दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्री देश के अलग अलग हिस्सों में अलग-अलग रूप और रीतिरिवाजों के साथ मनाई जाती है। नवरात्री साल में दो बार आती है। चलिए जानतें है इस बार नवरात्रि कब से शुरू हो रही है। साथ ही जाने कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और किस प्रकार से कलश की स्थापना की जाती है।
नवरात्रि साल में दो बार आती है। चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा तिथि से हो जाता है। इस साल चैत्र नवरात्री 22 मार्च से शुरू होकर से 30 मार्च तक रहने वाली है।
चैत्र नवरात्रि पर कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्री में कलश की स्थापना चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को की जाती है। जो की 21 मार्च रात 10:52 से शुरू होकर 22 मार्च को रात 8:20 तक रहेगा। कलश की स्थापना का शुभ मुहूर्त 22 मार्च को सुबह 6:23 मिनट से शुरू होकर 7:32 मिनट में खत्म हो जाएगा। कलश की स्थापना के लिए इस साल शुभ मुहूर्त 1 घंटे नौ मिनट तक रहेगा।
कैसे करें कलश स्थापित
नवरात्री के पर्व पर कलश की स्थापना करते वक्त हिंदू रीतिरिवाजों के अनुसार कुछ नियम होते जो हमे ध्यान में रखने चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात जो आपको देवी माँ की चौकी सजाते वक्त रखनी चाहिए वो यह है की हमेशा चौकी उत्तर-पूर्व दिशा की तरफ सजाए।
स्थान को पहले अच्छे से साफ़ कर लें। उसके बाद उसमें शुद्धि के लिए गंगाजल छिड़के। लकड़ी की चौकी में लाल रंग का कपडा बिछा कर माँ दुर्गा की मूर्ति स्थापित कर दें। उसके बाद गणेश जी को ध्यान कर कलश की स्थापना करें।
कलश की स्थापना के लिए नारियल को लाल रंग की चुनरी में लपेट दें। कलश में जल भरकर उसमें मौली बांधे। कलश में आम के पत्तों के साथ नारियल रखें और फिर कलश की स्थपना माँ दुर्गा के दाई और करें।
इस साल नौका पर सवार होकर आएंगी मैया
माँ दुर्गा की सवारी नवरात्री के दिन पर तय होती है। इस साल नवरात्री बुधवार से शुरू होने जा रहे है तो इस साल माँ नौका पर सवार होकर आएंगी। नवरात्री अगर रविवार या सोमवार के दिन शुरू होता है तो माँ हाथी की सवारी करके आती है। शनिवार या मंगलवार को शुरू होने पर माँ घोड़े की सवारी करके आती है। अगल नवरात्रि गुरूवार या शुक्रवार से शुरु होता है तो माँ डोली में आती है।