22 जुलाई को भारतीय सेना का एक जवान ड्यूटी में जाने के लिए घर से निकला लेकिन वो ड्यूटी में नहीं पहुंचा। जिसके बाद परिजनों ने जवान के लापता होने की रिपोर्ट पुलिस में लिखवाई। 10 दिन बीत जाने के बाद भी जवान का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है।
10 दिन बाद भी नहीं मिला लापता फौजी
22 जुलाई की शाम साढ़े छह बजे दोराहा बाजपुर चौक से बस से जम्मू कश्मीर के सांबा के लिए रवाना हुए थे। काशीपुर से पहुंचने पर जवान का घर पर फोन आया था। लेकिन उसके बाद से उनका फोन बंद है।
तब से लेकर अब तक उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया है। जवान के लापता होने की रिपोर्ट पुलिस में लिखवाई गई है। पुलिस लगातार जवान की तलाश कर रही है लेकिन अब तक उसके बारे में कोई भी सुराग हाथ नहीं लग पाया है।
सैनिक कल्याण मंत्री ने सैनिक के परिजनों से की थी मुलाकात
सोमवार को जवान के लापता होने के बाद सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने भी फौजी रंजीत सिंह के परिजनों से मुलाकात की थी। उन्होंने जवान को जल्द से जल्द ढूंढने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मंत्री गणेश जोशी ने परिजनों को कार्रवाई का भरोसा भी दिलाया।
आखरी बार हरिद्वार में दिखा जवान
जवान की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। इस क्रम में पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज चेक किए। जिसमें पता चला कि रंजीत सिंह 22 जुलाई शाम सात बजकर दो मिनट पर दोराहा से बस में बैठा था।
जिसके बाद वो आठ बजकर 10 मिनट पर काशीपुर उतर गया था। काशीपुर से वो रात 10 बजकर 44 मिनट पर बस में बैठा। 23 जुलाई को सुबह तीन बजे रीब हरिद्वार में उतर गया। जिसके बाद वो पंजाब डिपो की बस में बैठता हुआ नजर आया। इसके बाद उसे कहीं नहीं देखा गया। जवान की तलाश के लिए एक टीम अमृतसर के लिए रवाना हो गई है।