Uttarakhand news: मंगलवार को पंचायतीराज एवं ग्रामीण निर्माण मंत्री Satpal Maharaj ने सहस्त्रधारा रोड स्थित पंचायती राज निदेशालय में पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक की। बैठक में कैबिनेट मंत्री ने 15वें वित्त की धनराशि खर्च न होने पर अधिकारियों के पेंच कसे हैं।
पंचायतीराज एवं ग्रामीण निर्माण मंत्री Satpal Maharaj ने की बैठक
पंचायतीराज एवं ग्रामीण निर्माण मंत्री Satpal Maharaj ने मंगलवार को सहस्त्रधारा रोड स्थित पंचायती राज निदेशालय में पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक की। उन्होंने बताया कि 15वें वित्त आयोग से वर्ष 2022-23 के लिए पंचायत के सशक्तिकरण और अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए प्रदेश को टाइट फंड से 263.35 करोड़ और अनटाइट फंड से 175.61 करोड रुपए प्राप्त हुए हैं। जबकि 2023-24 के लिए टाइट फंड से 267 करोड़ और अनटाइट फंड से 178 करोड़ की धनराशि केंद्र से प्राप्त हुई है।
2023-24 में भी राज्य सेक्टर से 250 पंचायत घरों की स्वीकृति हुई प्राप्त
महाराज ने कहा कि Rashtriya Gram Swaraj Abhiyan (RGSA) के अंतर्गत केन्द्र से वर्ष 2022-23 में 200 पंचायत भवनों के निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई। जिनमें से 34 पंचायत घरों का निर्माण किया जा चुका है और 166 भवन अभी निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा 2023-24 के लिए 200 पंचायत भवनों के निर्माण की स्वीकृति मिलने के बाद वर्तमान में सभी निर्माणाधीन हैं। जबकि अतिरिक्त कक्षों के निर्माण के लिए Rashtriya Gram Swaraj Abhiyan (RGSA) से 2022-23 के लिए 100 कक्षों की स्वीकृति प्राप्त हुई है।
इनमें से 14 का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है और 86 निर्माणाधीन हैं। 2023-24 के लिए भी 100 कक्षों के निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई और सभी निर्माणाधीन हैं। इसी प्रकार से राज्य सेक्टर से 2022-23 में 500 पंचायत घरों के निर्माण की स्वीकृति मिली, जिनमें से 378 पंचायत घरों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है और 122 निर्माणाधीन हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी राज्य सेक्टर से 250 पंचायत घरों की स्वीकृति प्राप्त हुई वह भी सभी निर्माणाधीन हैं।
15वें वित्त की धनराशि खर्च न होने पर नाराज हुए मंत्री
पंचायत मंत्री महाराज ने समीक्षा बैठक के बाद जानकारी देते हुए बताया कि 15वें वित्त आयोग से प्राप्त बजट को शत प्रतिशत खर्च किए जाने के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये गये हैं। ताकि आगे भी पंचायतों के सशक्तिकरण के लिए केंद्र से राज्य को पर्याप्त पैसा मिल सके।
उन्होंने बताया कि जनपद रुद्रप्रयाग 15वें वित्त का पैसा खर्च करने में सबसे पीछे रहा है जबकि हरिद्वार जनपद में पंचायत चुनाव के कारण बजट खर्च में कुछ विलंब हुआ है। दोनों जनपदों को 15वें वित से प्राप्त बजट शीघ्रता से उपयोग करने को कहा गया है।
मंत्री ने दिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश
पंचायत मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पंचायत भवनों के निर्माण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। पूरा बजट गांव के विकास पर खर्च होना चाहिए। ठोस अपशिष्ट का गांव के घर से ही निस्तारण करें ताकि जैविक खाद अलग बने और गांव में ही उसका उपयोग हो सके और प्लास्टिक वेस्ट है तो उसकी रीसाइकलिंग हो सके।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंचायतों के ठोस अपशिष्ट के लिए कंपैक्टर लगे हैं और कूड़ा उठाने की गाड़ियों की भी व्यवस्था है। कुछ समस्या आई है कि कहीं कहीं गाड़ियां पहाड़ में नहीं चल पा रही हैं उसके लिए हमने निर्देश दिए हैं कि अनटाइट फंड से बड़ी गाड़ी ले सकते हैं। हर हाल में पंचायतों में अच्छा काम होना चाहिए।
गांव-गांव तक जाएगी “उत्तराखंड पंचायत यात्रा”
पंचायत मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि हमारी एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत हम लोग एक “उत्तराखंड पंचायत यात्रा” प्रारंभ करने जा रहे हैं। इसके अन्तर्गत गांव-गांव में हम जाएंगे। पैदल यात्रा के माध्यम से गांव की स्वच्छता एवं साफ सफाई के लिए लोगों को जागृत करने के साथ-साथ उन्हें बताएंगे कि गांव हमारी पवित्र भूमि है।
गांव की उपज और इनकम बढ़ाने के लिए हमें हर संभव प्रयास करना चाहिए। यात्रा के माध्यम से हम ग्रामीणों को मधुमक्खी पालन, मशरूम फार्मिंग, मालाबार नीम और बांस उगाने को प्रोत्साहित करेंगे। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश का हर गांव स्वावलंबी बने।