गर्मी के दस्तक देने के साथ ही तराई क्षेत्रों व उससे लगे जंगलों में लगी बेकाबू आग से बेसक़ीमती वन सम्पदा ख़ाक हो जाती है। इसके साथ ही वन्य जीवों के अस्तित्व पर भी संकट मंडराने लगता है। इसे देखते हुए वन विभाग अलर्ट मोड पर दिख रहा है। वन विभाग कि तरफ से मास्टर कंट्रोल रूम तैयार किया गया है।
जानें क्या है मास्टर कंट्रोल रूम में खास
वन अधिकारियों के मुताबिक इस साल बारिश बहुत ज्यादा नहीं हुई। जिससे जंगलो में आग लगने की आशंका अधिक है। जिससे निपटने के लिए फायर सीज़न की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा चुका है। वनाग्नि पर काबू पाने के लिए मास्टर कंट्रोल रूम तैयार किया गया है। खास बात यह है कि पश्चिमी वृत के पांच वन प्रभागों के मास्टर कंट्रोल रूम को आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम और पुलिस कंट्रोल रूम के साथ भी जोड़ा जाएगा।
अलर्ट मोड पर रहेंगे 24 घंटे वन अधिकारी और कर्मचारी
मास्टर कंट्रोल रूम में 24 घंटे वन अधिकारी और कर्मचारियों की पैनी नजर रहेगी। जंगल मे आग लगने की सूचना कहीं से भी आए उसको तुरंत ही संबंधित वन प्रभाग के क्रू स्टेशन प्रभारी और रेंज कार्यालय तक पहुंचाया जाएगा। मास्टर कंट्रोल रूम का काम यह होगा कि सूचना पुलिस के माध्यम से मिले या आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम के वनाग्नि पर काबू पाना सबसे पहली प्राथमिकता होगी। यह कंट्रोल रूम 24 घंटे नॉन स्टॉप पूरी तरह काम कर रहा है।