जोशीमठ में भू-धंसाव से प्रभावितों के लिए भूमि का चयन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। गौचर और जोशीमठ के बीच तय भूमि पर ही प्रभावितों को शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए 40 से 50 हेक्टेयर भूमि चयनित की गई है।
जोशीमठ में प्रभावितों के लिए भूमि का हुआ चयन
जोशीमठ में प्रभावितों स्थायी पुनर्वास के लिए भूमि का चयन कर लिया गया है। भू-धंसाव प्रभावित परिवारों को गौचर और जोशीमठ के बीच तय भूमि पर ही शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए 40 से 50 हेक्टेयर भूमि चयनित की गई है। लेकिन ये भूमि कहां चिन्हित की गई है, इस बात का खुलासा प्रशासन ने अब तक नहीं किया है।
स्थायी पुनर्वास के लिए पहले इन स्थानों का दिया था सुझाव
जिला प्रशासन ने पहले पीड़ित परिवारों के स्थायी पुनर्वास के लिए गौचर, पीपलकोटी, कोटी फार्म, जड़ी-बूटी शोधा संस्थान की भूमि और ढाक गांव में स्थित भूमि का विकल्प सुझाया था। इन विकल्पों पर अलग-अलग कारणों से एक राय नहीं बन पाई थी।
जोशीमठ में कुल 863 भवनों में आयी हैं दरारें
जोशीमठ के भू-धंसाव प्रभावित क्षेत्र मनोहरबाग, गांधीनगर, सिंहधार और सुनील वार्ड में 863 भवनों में दरारें आईं हैं। जिसमें से 81 भवनों को पूरी तरह से असुरक्षित घोषित किया गया है। इसके साथ ही जिला प्रशासन ने असुरक्षित क्षेत्र के 253 परिवारों को विस्थापित किया है। इन परिवारों के 920 सदस्यों को अस्थायी शिविरों में विस्थापित किया है।
ये हो सकते हैं पुनर्वास के लिए विकल्प
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जोशीमठ में प्रभावितों को गौचर में भट्टनगर क्षेत्र में अलकनंदा के दूसरी पार स्थित भूमि पर विस्थापित किया जा सकता है। इसके साथ ही जोशीमठ के पास ढाक गांव और सिंहधार में उद्यान विभाग की भूमि को भी प्राथमिकता में रखा गया है।
हालांकि इनमें से कितने परिवारों को नई जगह पर पुनर्वासित किया जाएगा इसका खाका अभी स्पष्ट रूप से तैयार नहीं है। तकनीकी संस्थानों की रिपोर्ट मिलने के बाद ही यह तय हो पाएगा कि कितने भवन ऐसे हैं जो रहने के लिहाज से पूरी तरह असुरक्षित हैं और कितने भवनों की मरम्मत की जा सकती है।