ऋषिकेश के बाद लेम्बोर्गिनी का काफिला मसूरी की शांत वादियों में दिखाई दिया. इस दौरान स्थानीय लोगों में उत्साह का माहौल था. लेम्बोर्गिनी की 71 कार जब मसूरी की संकरी सड़कों पर दौड़ लगा रही थी जिससे स्थानीय लोग हैरान रह गए.
काफिले के तेज रफ़्तार से गुजरने के दैरान ट्रैफिक रुक गया. लोगों की नजरें कार को को निहार रही थी. जैसे-जैसे लैम्बोर्गिनी का काफिला गुजर रहा था स्थानीय लोग और पर्यटक सड़कों पर खड़े होकर इस अनोखे नजारे की तस्वीरें और वीडियो बना रहे थे.
लैम्बोर्गिनी गिरो ने कार्यक्रम का आयोजन कराया था. कार्यक्रम का मकसद कार मालिकों को भारत के अलग-अलग हिस्सों से आकर देश की सुंदरता का अनुभव करना था.