हल्द्वानी : उत्तराखण्ड में गैरसैण एक बहुत बड़ा मुद्दा है, जिस पर हमेशा से ही राजनिती होती रही है, कभी स्थाई राजधानी बनाने को लेकर तो, कभी विधानसभा सत्र कराने को लेकर बयानबाजी होती रहती है. पिछली हरीश रावत सरकार में गैरसैण में बन रहे मिनी सचिवालय के निर्माण कार्य को त्रिवेंन्द्र रावत सरकार की और से रोके जाने पर एक बार फिर से राजनिती शुरू हो गई है.
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुजंवाल ने सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि हरीश रावत सरकार गैरसैण को स्थाई राजधानी बनाने के उद्देश्य से काम रही थी, जिसके लिए विधानसभा भवन से लेकर अन्य निर्माण कार्य किये गये थे. साथ ही मिनी सचिवालय का निर्माण कार्य भी किया जा रहा था, जिसके लिए 55 करोड रूपये स्वीकृत किये गये थे.
उन्होंने बताया की कांग्रेस सरकार में 7 करोड रूपये निर्माणदायी संस्था को रिलीज भी कर दिया गया था. लेकिनए ढाई साल में भी त्रिवेन्द्र सरकार ने गैरसैण में कोई कार्य नही किया. कुजंवाल का कहना है की राज्य आंदोलकारियों की मांग रही थी की गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाया जाए, जिस पर पूर्व की कांग्रेस सरकार ने गैरसैंण पर गम्भीरता दिखाई थीए लेकिन वर्तमान की त्रिवेन्द्र रावत सरकार के रवैये को देखकर लगता है की वो गैरसैंण में कुछ नहीं करना चाहती।