होली का त्यौहार रंगों का त्यौहार होता है। हमारे देश में होली धूम धाम से मनाई जाती है। हिन्दू धर्म में होली का खास महत्व होता है। हिंदू पंचांग के हिसाब से होली फाल्गुन मास में मनाई जाती है। हिन्दू रीतिरिवाजों के अनुसार होली का दहन अगर सही मुहूर्त में ना किया जाए तो यह बहुत ही अशुभ माना जाता है।
आइए जानतें है की इस साल पंचांग के हिसाब से कब है होली और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त। होली का त्यौहार फाल्गुन मास के महीने में मनाया जाता है। फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर होलिका दहन किया जाता है और उसी के अगले दिन रंगों की होली खेली जाती है।
7 मार्च को होगा होलिका दहन, आठ को खेली जाएगी होली
इस बार होलिका दहन को लेकर काफी उलझन है। होलिका दहन फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर किया जाता है। इस साल पूर्णिमा दो दिन है। पूर्णिमा इस बार 6 और 7 दोनों तारीखों पर पड़ रही है। जिसकी वजह से लोग दुविधा में है की होलिका दहन कब किया जाए।
इस बार होलिका दहन 7 तारीख को किया जाएगा। होलिका दहन के अगले ही दिन यानी की आठ तारीख को रंगों की होली खेली जाएगी। होली पूर्णिमा के अगले दिन खेली जाती है
होलिका दहन का ये होगा शुभ मुहूर्त
आचार्य डॉक्टर संतोष खंडूरी के अनुसार इस बार होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 7 मार्च को शाम 6 बजकर 30 मिनट से शुरू होकर 8 बजकर 22 मिनट तक का है। होलिका दहन का मुहूर्त 1 घंटे 52 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त के बीच आप होलिका दहन कर सकते हैं।
हिन्दू परम्पराओं के मुताबिक शुभ मूहुर्त पर ही होलिका दहन करना चाहिए। अगर ऐसा ना किया जाए नहीं दहन अशुभ माना जाता है। होलिका दहन के लिए लकड़ियाँ को एक जगह पर इकट्ठा किया जाता है। उसके बाद उसे उपलों से ढका जाता है। होलिका को जलाने से पहले उसकी पूजा की जाती है। उसके बाद होलिका दहन किया जाता है।