नई दिल्ली- वर्ल्ड बैंक भारतीय रेलवे पर मेहरबान होने वाला है। या यूं कहिए की भारतीय रेल पर विश्व बैंक मोहित हो गया है। आने वाले वक्त में भारतीय रेल आपको हर स्तर पर विश्व बैंक की मदद से बदली हुई दिखाई दे सकती है।
विश्व की बड़ी रेल सेवाओं में शुमार भारतीय रेल में निवेश करना विश्व बैंक को फायदे का सौदा दिख रहा है। लिहाजा विश्व बैंक भारतीय रेल मे बहुत बड़ी रकम यानि 5 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने जा रहा है। यानि अब आपको अंग्रेजों के जमाने का ट्रांसपोर्ट सिस्टम स्ट्रैटेजिक प्लैटफॉर्म में बदला दिखाई देगा।
वर्ल्ड बैंक दुनिया के चौथे सबसे बड़े और 164 साल पुराने रेलरोड नेटवर्क के साथ पार्टनरशिप करके इन्वेस्टमेंट, प्लानिंग, डिजिटाइजेशन और टेक्नॉलजी डिवेलपमेंट में मदद करेगा। इसके अलावा, रेलवे यूनिवर्सिटी और रेल टैरिफ अथॉरिटी स्थापित करने में भी भारतीय रेल की मदद करेगा।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे में अहम बदलाव के लिए अगले 4 साल में 5 लाख करोड़ के निवेश वाला एक महत्वाकांक्षी प्लान तैयार किया है। रेलवे अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए इस साल 1.31 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगा। प्लानिंग के मोर्चे पर वर्ल्ड बैंक ने फोरकास्टिंग मॉडल, ट्रैफिक के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल और प्लानिंग के लिए संस्था बनाने का प्रस्ताव किया है।
‘इसके अलावा भारत में फ्रेट और पैसेंजर की अनुमानित ग्रोथ को लेकर विस्तार से विश्लेषण के बाद अगले 10-15 साल के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लान तैयार किया जाएगा। वर्ल्ड बैंक इन तमाम चीजों का खाका खींचेगा।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम की तर्ज पर रेलवे ‘डिजिटल एंटरप्राइज’ पेश करना चाहता है, जिसके लिए बैंक इसके सभी आईटी ऐप्लिकेशंस में आर्किटेक्चर और डेटाबेस मैनेजमेंट के इंटीग्रेशन में मदद करेगा।
वहीं रेलवे की रिसर्च क्वॉलिटी सुधारने और टेक्नॉलजी जरूरतें पूरी करने की खातिर बैंक नए रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट सेंटर के लिए अपनी विशेषज्ञ सेवाएं देगा। यह सेंटर यूनिवर्सिटीज स्टार्टअप्स, पीपीपी ढांचों और ऐप्लिकेशन लैब को रेलवे के लिए टेक्नॉलजी विकसित करने में मदद करेगा। सरकार की योजना रेल रेग्युलेटर या रेल टैरिफ अथॉरिटी बनाने की है। यह दूसरे देशों से प्रेरित है, जहां पहले से ऐसे रेग्युलेटर मौजूद हैं और अच्छा काम कर रहे हैं।
इसी तरह, वर्ल्ड बैंक ने प्रफेशनल्स की अगुवाई में रेलवे यूनिवर्सिटी बनाने की बात कही है। वर्ल्ड बैंक ने रेलवे को सभी तरह की पहल के लिए समर्पित टीम बनाने और हर प्रॉजेक्ट के लिए लीडर तैयार करने को कहा है। ये एक्सपर्ट्स प्रॉजेक्ट टीमों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलतापूर्वक लागू की गई चीजों से रूबरू कराएंगे। तय है कि विश्व बैंक की मदद से अंग्रेजों के जमाने की भारतीय रेल डिजिटल दौर में नए जमाने की बेहतरी तकनीक वाली रेल में तब्दील हो जाए। जहां मुसाफिर को रफ्तार सुकून और सहूलियत यानि सब कुछ मिले।