देहरादून में एक दारोगा जब भड़का तो आइएएस को जवाब देना मुश्किल हो गया, गुस्सा इतना था कि दारोगा ने आइएएस अधिकारी को कह ही दिया कि आपकी मंशा पर मुझे शक है और आप बड़े अधिकारी हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि आप कहेंगे मैं वही करूंगा. दारोगा ने आइएएस को भरे चौराहे पर खूब खरीखोटी सुनाई. उसने आईएएस से कुछ सवाल भी पूछे जिसका जवाब अधिकारी के पास नहीं था.
आमतौर पर आपने नेताओं के झगड़ने या अधिकारियों की डांट डपटने के बारे में सुना और खबरें भी पढ़ी होगी लेकिन किसी आईएएस अधिकारी और पुलिस के दारोगा की बहस को शायद ही कभी आपने सुना हो.
क्या है पूरा मामला
दरअसल देहरादून के डालनवाला में करोड़ों की विवादित जमीन को लेकर निगम आयुक्त विजय कुमार जोगदंड़े और डालनवाला इंस्पेक्टर ऐसे भिड़े कि दून समेत राज्य भर में यह बहस चर्चा का सबब बन गई.डालनवाला थाना क्षेत्र में करोड़ों की ज़मीन मामले पर अमित नाम के शख्स से नगर निगम का ऐसा विवाद हुआ कि निगम के आयुक्त ने खुद मोर्चा संभालकर जमीन पर निर्मित निर्माण को तोड़ने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया.
दरोगा का हुआ हरिद्वार तबादला
इस दौरान दारोगा यशपाल बिष्ट ने कोर्ट के आदेश का हवाला देकर निर्माण नहीं तोड़ने देने की बात कही तो आइएएस अधिकारी भी निर्माण तोडने पर अड़ गए. फिर क्या था दारोगा और आइएएस के बीच खुद बहस हुई. हालांकि इस घटनाक्रम के बाद यशपाल बिष्ट का तबादला हरिद्वार कर दिया गया है.
आइएएस अधिकारी पर उठ रहे सवाल
वैसे आइएएस अधिकारी पर सवाल यह उठ रहा है कि आइएएस अधिकारी क्यों खुद ही ज़मीन के लिए सड़क पर उतर आए. देहरादून में निगम की कई ज़मीनों पर अवैधकब्ज़ा बताया जाता है लेकिन आज तक कभी निगम के अधिकारी द्वारा इस स्तर पर विरोध नहीं किया गया.
सवाल यह भी है कि इस घटना से दो दिन पहले निगमायुक्त रात ग्यारह ग्यारह बजे तक निर्माण तोड़ने के लिए पहुंच गए थे. अदालत के आदेश के बावजूद इतनी तत्परता को लेकर पुलिस ही नहीं प्रशासन के स्तर से भी सवाल उठाए गए.
आखिर अदालत के आदेश के बाद ही नगर निगम को इस ज़मीन पर कब्ज़ा मिला और पुलिस की बात सही साबित हुई.