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भारत के पहले सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत हमेशा के लिए दुनिया को अलविदा कह गए। 8 दिसंबर को विमान हादसे में दोनों की मौत हो गई। दोनों ने एक साथ दुनिया को अलविदा कहा। अंतिम सफर तक दोनों एक दूसरे के साथ रहे। सांसें टूटी तो एक साथ और चिता में भी जले तो एक साथ।
एक ही चिता पर दोनों का अंतिम संस्कार
जिन्होंने सालों पहले अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लेकर शादी के बंधन में बंधे थे और साथ जीने मरने की कमस खोई, वो एक साथ दुनिया को अलविदा कह गए और तो और एक ही चिता पर दोनों का अंतिम संस्कार किया गया। दोनों बेटियों ने पिता बिपिन रावत और मुधलिका को मुखाग्नि दी। दोनों का ये सफर चिता की बेदी तक रहा। दोनों का पार्थिक शरीर एक साथ एक ही चिता की बेदी पर उनकी बेटियों ने मुखाग्निन देकर नम आंखों से विदाई दी। अंतिम संस्कार का ये दृश्य देखकर हर कोई रो पड़ा।
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बिपिर रावत औऱ मधुलिका रावत की बेटियां इस दौरान खूब रोई। हर किसी की आंखें इस दौरान नम हो गई। वहीं दूसरी ओर अंतिम संस्कार के वक्त जनरल बिपिन रावत को 17 तोपों की सलामी दी गई। उत्तराखंड में शोक की लहर है। बिपिन रावत समेत सभी शहीद जवानों को हमारा नमन।