चंपावत डिग्री कॉलेज में छात्र शिक्षकों की कमी पूरी करने की मांग को लेकर कॉलेज परिसर की छत पर चढ़ गए। जिसके बाद कॉलेज प्रशासन के साथ-साथ प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए आनन-फानन में कॉलेज प्रशासन 27 जून तक कॉलेज में शिक्षकों की तैनाती के लिए आदेश जारी किए। तब जाकर मामला कुछ शांत हुआ।
दो घंटे तक चला हाई वोल्टेज ड्रामा
मामला सोमवार का बताया जा रहा है। डिग्री कॉलेज परिसर में हाई वोल्टेज ड्रामा करीब दो घंटे तक चला। छात्र संघ अध्यक्ष मनीष महर कॉलेज में शिक्षकों की कमी पूरी करने की मांग को लेकर कॉलेज परिसर की छत में चड़ गए। हंगामा बढ़ता देख एसडीएम सदर रिंकु बिष्ट, सीओ चंपावत और कॉलेज प्रशासन मौके पर पहुंचे।
आनन-फानन में कॉलेज प्रशासन ने किए आदेश जारी
मौके पर पहुंचकर आला अधिकारियों ने छात्र को समझाने की कोशिश की। लेकिन छात्र अपनी मांगों पर अड़ा रहा। जिस वजह से कॉलेज परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। जिसके बाद एसडीएम सदर रिंकु बिष्ट के द्वारा उच्च शिक्षा निदेशक से फोन पर वार्ता कराई गई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए आनन-फानन में उच्च शिक्षा निदेशक के द्वारा गर्मियों की छुट्टी के बाद कॉलेजों में शिक्षकों की कमी दूर करने का आदेश जारी किया गया। तब जाकर छात्र छत से नीचे उतरने को तैयार हुआ।
मांगें पूरी न होने पर उग्र आंदोलन को चेताया
छात्रसंघ अध्यक्ष मनीष महर ने कहा ये सीएम धामी की विधानसभा का कॉलेज है। बावजूद इसके छात्र छात्राओं को पढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक तक नहीं है। जिस वजह से छात्र छात्राएं कालेज से बिना पढ़े वापस घरो को जाने पर मजबूर हैं।
महर ने कहा कई बार प्रशासन व कॉलेज प्रशासन से शिक्षकों की कमी दूर करने की मांग उठाई गई पर संज्ञान नहीं लिया गया। जिस कारण उन्हें आज ये कदम उठाना पड़ा। महर ने चेतावनी देते हुए कहा अगर 27 जून तक कॉलेज में शिक्षकों की कमी पूरी नहीं होती है तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा।