प्रदेश की लोककला ऐपण की झलक अब देश के नए संसद भवन में देखने को मिलेगी। ऐपण को नई संसद में स्थान मिला है। नैनीताल की हेमलता कबडवाल ने देश के विभिन्न राज्यों के कलाकारों के साथ मिलकर संसद भवन के लिए वॉल पेंटिंग बनाई है।
नई संसद में ऐपण कला को मिला स्थान
उत्तराखंड के कुमाऊं की प्रसिद्ध लोककला को भारत के नए संसद भवन में स्थान मिला है। प्रदेश की इस लोककला की दीदार देशभर के सांसद कर सकेंगे।
इसका श्रेय नैनीताल की हेमलता कबडवाल को जाता है। मुक्तेश्वर की हेमलता कबडवाल ने संसद भवन के लिए देशभर के विभिन्न राज्यों के कलाकारों के साथ मिलकर वॉल पेंटिंग बनाई है।
जन-जननी-जन्मभूमि थीम पर बनाई गई है पेंटिंग
नए संसद भवन में लगाई गई इस पेंटिंग को कला दीर्घा के तहत पीपल्स वाॅल में जन-जननी-जन्मभूमि थीम पर तैयार किया गया है। बता दें कि ये पेंटिंग दुनिया की अब तक की सबसे लंबी पेंटिंग में शामिल है।
केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई जन जननी जन्म भूमि प्रोजेक्ट के तहत पूरे देश की महिला कलाकारों को नई संसद के लिए एक चित्रकला बनाने का दायित्व दिया गया था। जिसके तहत ये पेंटिंग बनाई गई है।
नैनीताल की हेमलता ने किया उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व
केंद्र सरकार के इस प्रोजेक्ट के तहत देशभर के लोक कलाकारों को अपनी लोक कला का प्रतिनिधत्व करने का मौका दिया गया था। जिसमें उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व नैनीताल के मुक्तेश्वर की हेमलता कबडवाल ने किया था। बता दें कि इस पेंटिंग का 28 मई को पीएम मोदी ने अनावरण किया था।