29 मार्च को जमरानी बांध मामले में उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने सुनवाई की थी। जिसमें सुनवाई के बाद राज्य सरकार को हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि बांध निर्माण के लिए आवश्यक अनुमतियों की वर्तमान स्थिति और प्रगति रिपोर्ट पेश की जाए। सरकार को प्रगति रिपोर्ट तीन मई तक पेश करने को कहा गया है।
जमरानी बांध मामले में हाईकोर्ट में हुई सुनवाई
जमरानी बांध मामले में 29 मार्च को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई कर सरकार को बांध निर्माण के लिए आवश्यक अनुमतियों की वर्तमान स्थिति और प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा।
इसके साथ ही सरकार को ये रिपोर्ट तीन मई तक पेश करने को कहा गया है। रवि शंकर जोशी की अवमानना याचिका में सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने अगली सुनवाई तीन मई को तय की है।
हल्द्वानी के रवि शंकर जोशी ने हाईकोर्ट में दायर की थी जनहित याचिका
इस मामले में हल्द्वानी के गौलापार निवासी रवि शंकर जोशी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने कहा कि जमरानी बांध निर्माण शीघ्र किया जाय। यह परियोजना सन् 1975 से सरकारी लापरवाही के कारण लंबित है।
बांध के निर्माण से हल्दवानी और आस-पास के क्षेत्रों की पेयजल समस्या का होगा समाधान
इसके साथ ही उन्होंने याचिका में कहा कि इस योजना के बनने से हल्द्वानी सहित आसपास के क्षेत्रों की पेयजल समस्या का समाधान होगा। इस बांध के निर्माण से बहुत बड़े क्षेत्र में सिंचाई सुविधा भी उपलब्ध हो जाएगी। इससे बाढ़ की समस्या से भी निजात मिलेगी।
बांध निर्माण के लिए जल्द उठाएं जाए गंभीर कदम – हाई कोर्ट
हाई कोर्ट ने इस मामले में दायर जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए उच्च न्यायालय ने सरकार को आदेशित किया था। हाईकोर्ट ने कहा कि बांध निर्माण के लिए आवश्यक अनुमतियों को प्राप्त करने के लिए शीघ्र ही गंभीर कदम उठाए जाए।
इस मामले में सरकार ने पूर्व में न्यायालय को अवगत कराया कि कुछ अनुमतियां मिल गई हैं। लेकिन कुछ अनुमतियां अभी भी लंबित हैं। इस मामले में पूर्व में हाई कोर्ट ने गंभीरता दिखाते हुए जनहित में बहु उद्देश्यीय परियोजना को शीघ्र सुचारू करने के लिए आदेश दिया था।