हरक सिंह रावत के ऑडियो बम के बाद से प्रदेश में सियासी गलियारों में हलचल तेज है। हरक सिंह रावत के बातचीत की वीडियो को वायरल करने पर कैबिनेट मंत्री पलटवार कर रहे हैं तो वहीं अब प्रदेश में स्टिंग को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
हरक सिंह रावत के ऑडियो बम के बाद उठे सवाल
हरक सिंह रावत ने अपने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें वो फोन पर कैबिनेट मंत्री से बात करते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को शेयर करते हुए हरक रावत ने कहा कि ऋषिकेश स्थित आईडीपीएल वन विभाग द्वारा करीब 12 सौ परिवारों जोकि वहां 50 वर्षों से निवास कर रहे थे।
अचानक उनको हटाने व उजाड़े जाने का सरकार का पूर्ण रूप से गलत और जल्दबाजी में लिया गया निर्णय है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद सियासी गलियारों में हलचल है। कुछ लोग इसे लोकप्रियता पाने का हथकंडा बता रहे हैं तो कुछ लोग तो इसे स्टिंग की कोशिश तक मान रहे हैं।
कांग्रेस अपनाती है लोकप्रियता के लिए सस्ते हथकंडे
इस मामले पर कैबिनेट प्रेमचंद अग्रवाल का कहना है कि हरक सिंह रावत कांग्रेस के ही नहीं उत्तराखंड के वरिष्ठ नेता हैं। वरिष्ठ नेता द्वारा ऐसी हरकत शोभनीय नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज से नहीं पहले से ही लोकप्रियता के लिए सस्ते हथकंडे अपनाती है।
उन्होंने कहा कि जब कोई मंत्री पद की शपथ लेता है तो वो मंत्री पद की गोपनीयता बनाए रखने की भी शपथ लेता है। लेकिन जिस तरीके से उन्होंने एक कैबिनेट मंत्री की बातचीत को वायरल किया है वो बिल्कुल सही नहीं है।
कैबिनेट मंत्री भूल गए ‘स्टिंग प्रदेश’ है उत्तराखंड
जहां एक ओर कैबिनेट मंत्री कह रहे हैं कि हरक सिंह रावत कई बार मंत्री पद पर रहे हैं उन्होंने उन्हें सीनीयर समझकर बात की और वो खुद मंत्री पद पर रह चुके हैं तो वो मंत्री के साथ की बातचीत को वायरल कर क्या करना चाहते हैं। जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ये भूल गए थे कि उत्तराखंड ‘स्टिंग प्रदेश’ है।