हिन्दू धर्म में हरिद्वार एक पवित्र तीर्थ स्थल माना जाता है। गंगा नदी के किनारे स्थित ये नगरी धार्मिक अनुष्ठानों, कुंभ आदि मेलों और खासकर की गंगा आरती(haridwar ganga aarti) के लिए काफी प्रसिद्ध है। हरिद्वार की गंगा आरती दुनिया भर में विख्यात है। ये एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है जो कि हर दिन हर की पौड़ी के ब्रह्मकुंड घाट(ganga aarti sthal haridwar) पर की जाती है।
गंगा आरती(ganga aarti haridwar time) दिन में दो बार की जाती है। पहली मंगला आरती सुबह सुर्योदय के समय होती है। तो वहींं शाम को श्रृंगार आरती सूर्यास्त के समय (ganga aarti time haridwar) की जाती है। विशेष रूप से शाम की जो आरती होती है वो काफी भव्य होती है। इस आरती में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होते हैं।
हरिद्वार में हर की पौड़ी पर 11 जगह गंगा आरती (har ki pauri ganga aarti)की जाती है। प्रमुख गंगा आरती ब्रह्मकुंड घाट पर की जाती है। 11 पुरोहित द्वारा संस्कृत मंत्रों के जप के साथ मां गंगा की आरती की जाती हैं। आरती से पहले मां गंगा का पुरोहित अभिषेक करते है। उसके बाद आरती प्रारंभ की जाती है। आरती के दौरान घंटियों की आवाज, मंत्रोच्चार का समागम, दीपों की रोशनी, सामने बहता पानी एक अद्भुत दृश्य बनाता है। जिसे हर इंसान को अपने जीवन में एक ना एक बार तो महसूस करना चाहिए। ये एक आध्यात्मिक वातावरण बनाता है जिससे आप भक्ति में खो जाते है।

कब हुई हर की पौड़ी में गंगा आरती की शुरूआत?
हरिद्वार यानी हरि का द्वार को प्राचीन नाम मायापुरी के नाम से भी जाना जाता है। इसे तीर्थ नगरी भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन से अमृत कलश निकला था। इस अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदें इलाहाबाद, नासिक और उज्जैन से पहले हरिद्वार में छलक कर गिरी थीं।
हरिद्वार में हर की पौड़ी है। जिसमें ब्रह्मकुंड के साथ कई और घाट भी है जहां पर दूर-दूर से श्रद्धालु गंगा स्नान करने आते है। साल 1916 हर की पौड़ी में गंगा आरती(har ki pauri ganga aarti) की शुरुआत हुई थी। उस समय पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा शुरू की गई ये गंगा आरती आज तक निरंतर जारी है। गंगा आरती का आयोजन श्री गंगा सभा द्वारा किया जाता है।

गंगा आरती के दौरान श्रद्धालु पहले गंगा जल का आचमन करते है। जिसके बाद दीपदान किया जाता है। इससे मन को शांति और आध्यात्मिक अनुभव महसूस होता है। अगर आप गंगा आरती देखने का प्लान कर रहे है तो हर की पौड़ी में आरती (ganga aarti haridwar time) शुरू होने से पहले पहुंचना होता है। आरती के समय घाट पर भारी भीड़ जमा हो जाती है। जिससे आपको आरती के लिए प्रोपर प्लेस मिल सके।
गंगा आरती की प्रक्रिया
आरती की शुरुआत मां गंगा की मूर्ति को पालकी में घाट पर लाने से होती है। मूर्ति को घाट में लाने के बाद पंडित संस्कृत में मंत्रों का उच्चारण करते है। जिसके बाद मां गंगा को पंचामृत का भोज लगाया जाता है।
इसी बीच पंडित जगन्नाथ द्वारा रचित ‘गंग लहरी’ कविता का पाठ भी करते है। जिसके बाद घाट पर आरती में शामिल श्रद्धालुओं से दक्षिणा ली जाती है। इसके बाद मुख्य आरती की शुरुआत होती है। ये आरती करीब पांच मिनट तक चलती है। सुबह की बजाय शाम को गंगा घाट में आरती(haridwar aarti time) के लिए ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है।

आरती का समय (ganga aarti haridwar time)
हर की पौड़ी में गंगा आरती का समय मौसम(haridwar ganga aarti time) के हिसाब से बदलता है।
- गर्मियों में (मार्च से अक्टूबर तक): गर्मियों में यानी मार्च से अक्टूबर के महीने में सुबह की आरती 5:00 बजे से 6:50 बजे के बीच होती है। तो वहीं शाम की आरती 5:30 बजे से 7:00 बजे(haridwar aarti timing) के बीच होती है।
- सर्दियों में (नंवबर से फरवरी तक): सर्दियों में सुबह की आरती 6:30 से 7:00 बजे के बीच होती है। तो वहीं 5:00 से 5:30 बजे के बीच शाम की आरती की जाती है।(haridwar ganga aarti evening timings)
आरती के समय लोग दीप जलाकर गंगा में प्रवाहित करते हैं। ये अद्भुत नजारा आप मिस नहीं कर सकते।

हर की पौड़ी घाट पर गंगा आरती के लिए शुल्क?
हरिद्वार के हर की पौड़ी घाट वाली गंगा आरती में शामिल होने के लिए किसी भी तरह का प्रवेश शुल्क नहीं लगता है। सभी श्रद्धालु बिना शुल्क के गंगा आरती में भाग ले सकते हैं। हालांकि अगर आप विशेष पूजा या अनुष्ठान करने का सोच रहे हैं तो इसके लिए आपको पहले से ही बुकिंग करनी होगी। पहले मोबाइल नंबर पर संपर्क कर श्रीगंगा सभा से आरती की तारीख बुक करानी पड़ती थी। लेकिन अब श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन बुकिंग सुविधा उपलब्ध है।
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विशेष पूजा के लिए ऑनलाइन बुकिंग (har ki pauri ganga aarti)
श्रद्धालुओं के लिए आरती में भाग लेने की भी व्यवस्था है। अगर आप विशेष पूजा या अनुष्ठान करने की सोच रहे है तो उसके लिए आप ऑनलाइन बुकिंग कर सकते है। इसके लिए आपको श्री गंगा सभा की आधिकारिक वेबसाइट shrigangasabha.org पर जाना होगा। जहां से ऑनलाइन बुकिंग की जा सकती है। बता दें कि मुख्य आरती की बुकिंग के लिए श्रद्धालुओं को 2100 रूपए का शुल्क देना पड़ता है।
Tips for Ganga Aarti in Haridwar
हरिद्वार के हर की पौड़ी में होने वाली गंगा आरती को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग गंगा आरती का अनुभव करने आते है। ये अनुभव अत्यंत आध्यात्मिक और मनमोहक होता है। ऐसे में अगर आप भी गंगा आरती देखने आ रहे है तो इन चीजों का खास ध्यान रखें।
- समय से पहले पहुंचें: हर दिन हर की पौड़ी घाट पर गंगा आरती आयोजित की जाती है। ऐसे में अगर आपको आरती का अच्छे से अनुभव करना है तो समय से पहले घाट पहुंच जाए। आरती शुरू होने से कम से कम एक घंटा पहले आप हर की पौड़ी पहुंच जाए। इससे आपको आरती देखने का उचित स्थान मिल जाएंगा। जहां से आप आरती को अच्छे से देख पाएंगे।
- सुरक्षा का ध्यान रखें: खासकर शाम की आरती के दौरान घाट पर भीड़ हो जाती है। ऐसे में अपने कीमती सामान की देखभाल करें। भीड़ वाले इलाके में सतर्क रहे। साथ ही अपने साथियों के साथ ग्रुप में चलें।
- आरती के दौरान शांति बनाए रखें: आरती के दौरान शांति बनाए रखें। मंत्रोच्चार और दीपों की रोशनी का आनंद लें। फालतु बातें ना करें।
- पारंपरिक वस्त्र : अगर आप गंगा आरती देखने जा रहे है तो पारंपरिक और शालीन वस्त्र पहनना सही रहेगा। ये एक धार्मिक आयोजन है। ऐसे में पारंपरिक वस्त्र स्थानीय संस्कृति के प्रति सम्मान दर्शाएगा।

हरिद्वार की गंगा आरती में कैसे पहुंचें (How to Reach Ganga Aarti in Haridwar)
- सड़क मार्ग द्वारा: हरिद्वरा बस स्टैंड से हर की पौड़ी करीब 1.2-2 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां से आपको हर की पौड़ी तक ऑटो-रिक्शा या फिर रिक्शा मिल जाएगा। इसके अलावा आप टैक्सी से भी जा सकते है। हालांकि टैक्सी से आपका ज्यादा खर्चा होगा। ऑटो या फिर रिक्शा आपको सस्ता पड़ेगा।
- रेल द्वारा: हरिद्वार रेलवे स्टेशन से हर की पौड़ी की दूरी 1.2-2 किलोमीटर के बीच है। स्टेशन से आपको आसानी से ऑटो-रिक्शा या रिक्शा हर की पौड़ी घाट तक मिल जाएगा।
- हवाई मार्ग द्वारा: हर की पौड़ी से सबसे नजदीक हवाई अड्डा जॉली ग्रांट एयरपोर्ट देहरादून है। ये हर की पौड़ी से करीब 36 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। यहां से आपको आसानी से टैक्सी या बस हरिद्वार के लिए मिल जाएगी।

Ganga aarti time in rishikesh
हरिद्वार की आरती के अलावा ऋषिकेश की गंगा आरती भी काफी प्रसिद्ध है। ऐसे में आप हरिद्वार के बाद ऋषिकेश की गंगा आरती का भी अनुभव कर सकते है। ऋषिकेश में दो जगहों पर गंगा आरती की जाती है।
- त्रिवेणी घाट: ये ऋषिकेश का एक प्रमुख घाट है। जहां प्रतिदिन शाम को भव्य गंगा आरती का आयोजन होता है (rishikesh aarti timings)। मौसम के अनुसार आरती का समय बदलता रहता है। हालांकि आमतौर पर त्रिवेणी घाट पर शाम की आरती 6:00 बजे से 7:00 बजे के बीच होती है।
- परमार्थ निकेतन आश्रम: यहां प्रतिदिन गंगा आरती शाम को आयोजित की जाती है। सूर्यास्त के अनुसार आरती का समय (rishikesh aarti timings)बदलता रहता है। अमुमन ये शाम को 6:00 बजे से 7:00 बजे के बीच होती है।