प्रदेश के कई जनपदों में हो रही भारी बारिश ने कहर बरपाया हुआ है। वहीं हरिद्वार में स्थित मनसा देवी और चंडी देवी मंदिर की दरकती पहाड़ियों ने स्थानीय प्रशासन के हाथ पांव फूला दिए हैं। डीएम की मांग पर आपदा प्रबंधन विभाग ने दोनों मंदिरों के परिसरों में हो रहे भूस्खलन की प्राथमिक जांच पूरी कर ली है।
आपदा प्रबंधन ने डीएम को सौंपी जांच रिपोर्ट
हरिद्वार के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की मांग पर आपदा प्रबंधन विभाग के उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण केंद्र ने दोनों मंदिरों के परिसरों में हो रहे भूस्खलन की प्राथमिक जांच पूरी कर ली है। दोनों मंदिर परिसरों की जांच रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी है। रिपोर्ट में दोनों स्थलों के विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता जताई गई है।
मंदिरों की दरकती पहाड़ियों से फूले प्रशासन के हाथ पांव
केंद्र के निदेशक शांतनु सरकार ने बताया की विस्तृत अध्ययन में ही केंद्र के विशेषज्ञ यह सुझाव दे पाएंगे कि दोनों मंदिर स्थलों की पहाड़ियों का किस तरह से ट्रीटमेंट हो सकता है। निदेशक का कहना है कि फिलहाल मानसून की वजह से विस्तृत अध्ययन संभव नहीं है।
मानसून के बाद हो सकेगा स्थलों का विस्तृत अध्ययन
केंद्र की टीम मानसून के बाद दोनों स्थलों का विस्तृत अध्ययन करेगी। बता दें कि कुछ दिन पहले प्रसिद्ध चंडी देवी मंदिर परिसर में भूस्खलन होने से कई दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिसके बाद मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति नहीं दी जा रही थी।