डोईवाला: विकास खंड डोईवाला की ग्राम पंचायतों को निकाय में शामिल करने के प्रस्ताव के विरोध में क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों में आक्रोश है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सरकार के फैसले के विरोध में होई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है। जबकि भाजपा से जुड़े अधिकांश ग्राम प्रधान फिलहाल इस मुद्दे पर चुप्पी साधे बैठे हैं। वहीं कांग्रेस से जुड़े ग्राम प्रधान ग्रामीण इलाकों को नगर पालिका से जोड़ेने का विरोध कर रहे हैं।
गुरुवार को डोईवाला में ग्राम प्रधानों की बैठक में सरकार के निर्णय का तीखा विरोध किया गया। अठूरवाला की प्रधान मंजू चमोली ने कहा कि अभी जनप्रतिनिधियों का डेढ़ साल का कार्यकाल बाकी है। ऐसे में जब तक उनका कार्यकाल पूरा नहीं हो जाता, इस तरह का निर्णय सरासर गलत है। ग्राम प्रधानों ने ग्रामीण क्षेत्रों को निकाय में जोड़ने का विरोध किया।
उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्र की जनता को कोई लाभ नहीं मिलने वाला है। ग्राम सभाओं का 70 फीसद भाग कृषि क्षेत्र है। ऐसे में सरकार पंचायती राज के सपने को नष्ट करना चाहती है। उन्होंने बताया कि इस मामले में जनप्रतिनिधियों ने हाईकोर्ट जाने का निर्णय लिया है। बैठक में जिला योजना समिति के सदस्य गौरव चौधरी, बलबीर सिंह बिन्दा, अकरम अली आदि के साथ ग्राम प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने भी इस मामले में अपनी आपत्ति जताई है। बैठक में आगे की रणनीति पर भी विचार मंथन किया गया।