अब प्रदेश में हर साल सरकारी सेवाओं के एवज में लिए जा रहे शुल्क में बढ़ोतरी हो जाएगी। हर साल अप्रैल के महीने की पहली तारीख को पांच फीसदी महंगे हो जाएंगे।
हर साल महंगी हो जाएंगी सरकारी सेवाएं
प्रदेश में लोगों को दी जा रही सरकारी सेवाओं के एवज में लिए जा रहे उपयोगकर्ता शुल्क में हर साल बढ़ोतरी हो जाएगी। हर साल अप्रैल महीने की पहली तारीख को यूजर चार्जेस पांच फीसदी महंगे हो जाएंगे। इसके लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं।
यूजर चार्ज लेने के लिए यूपीआई अनिवार्य
यूजर चार्ज लेने के लिए सभी विभागों को अपने-अपने वेब पोर्टल एप के माध्यम से यूपीआई की सुविधा अनिवार्य रूप से उपलब्ध करानी होगी। इसके लिए शुक्रवार को सचिव वित्त दिलीप जावलकर ने आदेश जारी कर दिए हैं। बता दें कि इस आदेश में पयोगकर्ता शुल्क की दरों को प्रचलित बाजार की महंगाई से जोड़ना आवश्यक बताया गया है।
लोगों पर एकमुश्त नहीं पड़ेगा बोझ
आदेश में कहा गया है कि लोगों पर शुल्क में बढ़ोतरी से एकमुश्त बोझ नहीं पड़ेगा। शुल्क मिलने से जनसेवाओं की मरम्मत और देखरेख के लिए धनराशि भी मिलती रहेगी। बता दें कि अब तक विभागों के स्तर पर तीन से पांच वर्ष के अंतराल में उपयोगकर्ता शुल्क वसूलने की प्रवृत्ति थी।
कैबिनेट को है यूजर चार्ज घटाने का अधिकार
बता दें कि यूजर चार्ज की बढ़ोतरी दर को कम करने का अधिकार कैबिनेट के पास है। यूजर चार्ज की बढ़ोतरी और उसे कम करने का अधिकार केवल प्रदेश मंत्रिमंडल के पास है। बता दें कि कैबिनेट औचित्यपूर्ण प्रस्ताव पर संशोधित दरों को कम कर सकती है।
इन प्रमुख सेवाओं पर वसूला जाता है यूजर चार्ज
यूजर चार्ज या उपयोगकर्ता शुल्क ऐसे किसी भी शुल्क से है, जिसे विभिन्न विभाग या एजेंसियों के माध्यम से वसूला जा रहा है। रोगों की जांच का शुल्क, ड्राइविंग लाइसेंस व उसका रिन्यूवल, अस्पतालों में पर्ची शुल्क, स्थायी निवास प्रमाणपत्र, खाता-खतौनी की नकल, रजिस्ट्री की नकल, आरसी, वाहनों का ट्रांसफर, आय प्रमाणपत्र, रजिस्ट्री की नकल, पेयजल बिल के साथ कई अन्य विभागीय सेवाओं के यूजर चार्ज लिए जाते हैं।