सरकारी जमीन पर कब्जा करने वालों की अब खैर नहीं। अवैध कब्जे और अवैध निर्माण पर अब सेटेलाइट की पैनी नजर रहेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश क बाद आईटीडीए और यूसैक ने इस पर काम शुरू कर दिया है।
सभी विभाग ने अपनी जमीनों के रजिस्टर और डिजिटल इन्वेंटरी तैयार करने में जुट गए हैं। खास बात ये है कि अब 25 सेंटीमीटर ऊंचाई तक के अवैध कब्जों की तस्वीर साफ हो सकेगी।
सीएम के निर्देश के बाद पोर्टल बनाने का काम जारी
बीते कुछ दिनों पहले सीएम धामी ने सभी विभागों की जमीनों में होने वाले अवैध कब्जे को हटाने के लिए विशेष प्रयास करने, सेटेलाइट का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए थे। शासन ने आदेश जारी किया था। इसके तहत राजस्व परिषद के अध्यक्ष की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय और सभी जिलों के जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समितियों का गठन किया गया था। इस आदेश के तहत यूसैक और आईटीडीए ने काम शुरू कर दिया है।
सॉफ्टवेयर करेगा अलर्ट जारी
यूसैक और आईटीडीए द्वारा एक ऐसा पोर्टल तैयार किया जा रहा है जो हर तिमाही प्रदेश की सभी जमीनों को सेटेलाइट डाटा लेगी। वेबसाइट से उसका मिलान किया जाएगा और जहाँ पर भी अवैध कब्जा होगा वहां के लिए सॉफ्टवेयर अलर्ट जारी कर देगा। अलर्ट के हिसाब से संबंधित जिले की टीम अवैध कब्जा हटाने का काम करेगी। कब्जा हटाने के बाद उसी वेबसाइट पर रिपोर्ट देना अनिवार्य होगा।
तीन तरह के आएंगे अलर्ट, अधिकारियों को लेना होगा एक्शन
बताया जा रहा है कि एआई आधारित प्रक्रिया में जमीनों पर अवैध निर्माण या अवैध कब्जों के तीन तरह के अलर्ट आएंगे। पहले अलर्ट में महत्वपूर्ण चेतावनी होगी जो अत्यधिक निर्माण या कब्जों पर आएगा। उससे कम कब्जों पर मध्यम और निम्नतम स्तर के अलर्ट आएंगे। सभी अलर्ट पर संबंधित जिलों के अधिकारियों को मौके पर जाकर कार्रवाई कर रिपोर्ट अपलोड करनी होगी।
भूमि संपत्ति का बनाया जाएगा रजिस्टर
सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए जिला स्तर पर डीएम की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। सभी सरकारी जमीनों का अपना यूनिक नंबर होगा। सभी सरकारी विभाग अपनी भूमि संपत्ति का रजिस्टर बनाएंगे। तकनीकी मदद के लिए राजस्व परिषद में अलग प्रकोष्ठ बनाया गया है। राज्य स्तर पर मुख्य सचिव के स्तर पर भी कमेटी गठित की गई है। दोनों कमेटियां अतिक्रमण हटाने के लिए की गई कार्रवाई की निगरानी रखेंगी।