बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया 13 नवंबर को शुरू हो गई है. इसकी प्रक्रिया में आज गुरुवार को दोपहर दो बजे आदि केदारेश्वर मंदिर और आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए हैं.
विधि-विधान से बंद हुए आदि केदारेश्वर और आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के कपाट
बदरीनाथ मंदिर में गुरुवार को भगवान बदरी विशाल की भोग आरती के बाद आदि केदारेश्वर मंदिर में रावल अमरनाथ नंबूदरी ने अन्नकूट पूजा की. इस दौरान आदि केदारेश्वर शिवलिंग को पके चावलों के भात से ढ़का गया. जिसके बाद विशेष पूजा की गई. पूजा के बाद आदिकेश्वर शिव लिंग को निर्वाण रूप में लाकर पुष्प, भस्म आदि से ढंका गया. केदारेश्वर मंदिर के पुजारियों ने दोपहर दो बजे आदि केदारेश्वर मंदिर को बंद किया.
17 नवंबर को बंद होंगे बद्रीनाथ धाम के कपाट
केदारेश्वर मंदिर के बाद सवा दो बजे दोपहर आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के भी कपाट पौराणिक परंपराओं के अनुसार बंद कर दिए गए हैं. बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि पंच पूजा के तीसरे दिन कल यानी शुक्रवार 15 नवंबर को वेद पुस्तकों की पूजा-अर्चना, खडग-पुस्तक पूजा और वेद मन्त्रों का पाठ बंद हो जायेगा. बता दें बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 17 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे.