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देहरादून के विकासनगर इलाके में एक स्कूल में पाक के पूर्व पीएम इमरान खान की फोटो मिली है। स्कूल के प्रबंधक के साथ इमरान खान की फोटो स्कूल में लगी है। इसके साथ ही स्कूल में बच्चों को नमाज के लिए मदरसे में भेजने का भी खुलासा हुआ है। यही नहीं स्कूल में मानकों को भी तार तार किया गया था।
दरअसल उत्तराखंड बाल आयोग ने देहरादून के विकासनगर में जीवनगढ़ स्थित ब्राइट एंजल स्कूल का निरीक्षण किया। निरिक्षण के दौरान आयोग की टीम ने स्कूल के निर्माण से लेकर संचालन तक कई अनियमितताएं पाई। इसके बाद आयोग की अध्यक्ष डा. गीता खन्ना ने स्कूल की मान्यता रद करने के लिए सरकार को पत्र भेज दिया।
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आपको बता दें बाल आयोग को शिकायत मिली थी की स्कूल में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ स्कूल के प्रबंधन समिति के मुखिया की भारतीय सेना की वर्दी में फोटो है। इसकी एक छायाप्रति भी उन्हें प्रेषित की गई थी। इसके अलावा कुछ अन्य शिकायतें भी मिली। शिकायत मिलने के बाद आयोग ने स्कूल में छापेमारी की इस दौरान स्कूल के संचालन से लेकर स्कूल के निर्माण में कई अनियमितताएं मिली हैं।
मौके से कई दस्तावेज किए जब्त
बाल आयोग की टीम ने जब स्कूल के संचालक लेफ्टिनेंट कर्नल कादिर हुसैन (सेनि.) से जब पूछताछ की तो वह कई प्रश्नों के उत्तर स्पष्ट नहीं दे पाए। आयोग की टीम ने मौके से कई दस्तावेज भी जब्त किए हैं। ऐसे में आयोग ने प्रबंधन से कई बिंदुओं पर स्पष्टीकरण तलब किया है। आपको बता दे यह स्कूल पूर्व में नमाज के लिए शुक्रवार की छुट्टी को लेकर विवादों में रह चुका है।
स्कूल में हो रहा था गुडलक पार्टी का आयोजन
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डा. गीता खन्ना ने शिक्षा विभाग एवं पुलिसकर्मियों के साथ स्कूल का निरिक्षण किया तो स्कूल में कई शिक्षिका और छात्राएं हिजाब पहने हुए थीं और स्कूल में गुडलक पार्टी का आयोजन किया जा रहा था, इसमें केवल नौवीं और दसवीं कक्षा के छात्र-छात्राएं शामिल थे।
अन्य कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए अवकाश घोषित किया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आयोग को शिकायत मिली थी कि विद्यार्थियों को बीच कक्षा से नमाज के लिए बुलाया जाता है। हालांकि, इस बात की अभी पुष्टि नहीं हो पाई है।
एमडीडीए से नक्शा नहीं है पास
आयोग की टीम ने निरीक्षण के दौरान पाया कि जिस भूमि पर स्कूल का भवन बनाया गया है। उसका भू-उपयोग परिवर्तित नहीं कराया गया है और एमडीडीए से नक्शा भी पास नहीं कराया गया है। एमडीडीए ने स्कूल को समय-समय पर ध्वस्तीकरण और सील करने के नोटिस जारी किए थे। लेकिन स्कूल प्रबंधक ने कोर्ट से स्टे ले लिया। इसके बाद धड़ल्ले से स्कूल में नवीन निर्माण करवाए गए।
मानकों के विरुद्ध चल रहे पाठ्यक्रम
निरीक्षण में इस बात की पुष्टि हुई है कि स्कूल प्रबंधन ने स्कूल संचालन के लिए सीबीएसई से हिंदी मीडियम में मान्यता ली है। जबकि मानकों को ताक पर रखते हुए स्कूल अंग्रेजी मीडियम में संचालित किया जा रहा है। इसके लिए अभिभावकों से फीस के रूप में मोटी धनराशि वसूली जा रही है। इसी क्रम में आयोग ने स्कूल की मान्यता को रद करने के लिए सरकार को पत्र लिखा है।
चैरिटी करने का दिया हवाला
स्कूल संचालक ने साख बचाने के लिए आयोग की टीम को बताया कि वह कई जगह चैरिटी के लिए फंड देते हैं। इस पर टीम ने जब चैरिटी के दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा तो स्कूल प्रबंधन मौके पर दस्तावेज नहीं दिखा पाया। साथ ही आयोग की टीम को मिले शिकायती पत्र में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि स्कूल प्रशासन शिक्षकों के वेतन में भी खेल कर रहा है।
इनकम टैक्स से बचने के लिए शिक्षकों के वेतन में मोटी धनराशि दिखाई जा रही है, जबकि सच्चाई कुछ और ही है। आरोप है कि शिक्षकों का वेतन खाते में आने के बाद स्कूल प्रबंधन आधी धनराशि वापस मांगता है। टीम ने स्कूल प्रबंधन से शिक्षकों के बैंक खाते की पासबुक का ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा है।
मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके है संचालक
ब्राइट एंजल स्कूल के संचालक लेफ्टिनेंट कर्नल कादिर हुसैन (सेनि.) पूर्व में मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष रहे चुके हैं। इसके साथ ही आयोग ने इस बात का संदेह भी जताया है, कि स्कूल संचालन की आड़ में मदरसा भी संचालित किया जा रहा है। हालांकि, इसको लेकर आयोग अभी जांच कर रहा है।