कोरोना के आंकड़े फिर डराने लगे हैं। ओमिक्रॉन और डेल्टा वेरिएंट लगातार पैर पसार रहे हैं। पिछले आठ दिनों में आठ दिन में 31 फीसदी कोरोना संक्रमित मरीजों में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई है। जबकि इससे अधिक 38 फीसदी में ओमिक्रॉन वैरिएंट मिला है। बाकी 30 फीसदी मरीजों में कोरोना वायरस के दूसरे वैरिएंट मिले हैं। यह रिपोर्ट 21 से 28 दिसंबर के बीच 468 सैंपल की हुई जीनोम सीक्वेंसिंग से जुड़ी है, जिसे बुधवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की बैठक में रखा गया।
बैठक में बताया गया कि आईएलबीएस अस्पताल की लैब में अब तक 357 सैंपल भेजे गए हैं जिनमें से 125 सैंपल की सीक्वेंसिंग हुई है। इनमें से 67 सैंपल में ओमिक्रॉन और बाकी 58 में डेल्टा वैरिएंट मिला है। इसी तरह लोकनायक अस्पताल की लैब में अब तक 133 सैंपल पहुंचे हैं जिनमें से 80 सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग हुई है। यहां ओमिक्रॉन के 12 और डेल्टा वैरिएंट के 62 मामले मिले हैं। इनके अलावा केंद्र सरकार की NCDC लैब में अब तक 556 सैंपल पहुंचे हैं जहां 263 की जीनोम सीक्वेंसिंग हुई है।
इनमें से 101 सैंपल में ओमिक्रॉन वैरिएंट मिला है। जबकि 27 सैंपल में डेल्टा वैरिएंट मिला है। एनसीडीसी की लैब में सभी सैंपल दिल्ली एयरपोर्ट से भेजे गए हैं। जबकि ILBS अस्पताल में दक्षिणी और पूर्वी जिला प्रशासन की ओर से सैंपल भेजे गए हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर यह भी आशंका जताई जा रही है कि एयरपोर्ट के बाहर भी दिल्ली में लोग ओमिक्रॉन संक्रमित मिलने लगे हैं जोकि सामुदायिक प्रसार को लेकर आशंका बढ़ा रहा है।