मानसून के आते ही जोशीमठ के सिंहधार वार्ड में दरारें चौड़ी होने का सिलसिला शुरू हो गया है। जिसे लेकर प्रशासन की नींद उड़ती नाजा आ रही है। जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। प्रशासन ने एसडीआरएफ की टीम को भी अलर्ट पर रहने के निर्देश दे दिए हैं।
SDRF को दिए अलर्ट पर रहने के निर्देश
सूत्रों के मुताबिक बताया जा रहा है कि जोशीमठ के सिंहधार वार्ड में दरारें छोड़ी होने लगी है। जिसके बाद से स्थानीय लोग डर के साए में हैं। जानकारी के मुताबिक प्रशासन ने एसडीआरएफ की टीम को भी अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग के मुताबिक मानसून 25 जून तक प्रदेश में दस्तक देगा। मानसून जोशीमठ के साथ साथ सरकार की भी परिक्षा लेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जोशीमठ भू-धंसाव के बाद वैज्ञानिक संस्थाएं अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंप चुकी हैं। इन रिपोर्ट पर कई दौर की बैठकें भी हो चुकी हैं। शासन के सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट में जोशीमठ भू-धंसाव की स्थिति करीब-करीब साफ हो चुकी है।
जोशीमठ में होती है अधिक वर्षा
चमोली का एक बड़ा हिस्सा बाहरी हिमालय की दक्षिणी ढलानों पर स्थित है। मानसून के दौरान जल धाराएं खाई वाली घाटियों के माध्यम से प्रवेश करती हैं। यहां जून से सितंबर के बीच मानसून अपने चरम पर होता है। एसे में मानसून के दौरान लगातार होने वाली बारिश जोशीमठ में दरारें और बढ़ा सकती है।