प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों से कोरोना काल के बाद हटाए गए कोरोना कर्मियों ने राज्यपाल को खून से पत्र लिखा। बता दें कोरोना कर्मी पिछले लम्बे समय से विभागीय संविदा में समायोजन की मांग को लेकर धरना स्थल पर आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं।
कोरोना कर्मियों ने लिखा राज्यपाल को खून से पत्र
सोमवार को कोरोना कर्मियों ने राज्यपाल को खून से पत्र लिखा। कोरोना कर्मी विभागीय संविदा में समायोजन की मांग को लेकर एकता विहार स्थित धरना स्थल पर आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। प्रदर्शनकरियों का कहना है कि राज्य सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है।
प्रदेश सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
धरना स्थल पर आमरण अनशन पर बैठे संतोष राणा ने हमारे संवाददाता से बातचीत में कहा कि उन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए कोरोना काल मे अपनी सेवाएं दी। लेकिन कोरोना खत्म होने के बाद सरकार ने उन्हें अस्पतालों से हटा दिया। तब से उनका आंदोलन लगातार जारी है।
आंदोलन कर रहे संतोष राणा का कहना है कि सरकार बार-बार उन्हें सेवा बहाली का आश्वासन दे रही है। लेकिन कई महीने बीतने के बाद भी उन्हें अब तक पुन बहाल नहीं किया गया है।
प्रदर्शनकरियों ने की इच्छा मृत्यु की मांग
आंदोलनरत कर्मियों का कहना है कि आज उन्हें राज्यपाल को खून से पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। प्रदर्शनकरियों ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि दो दिन के भीतर सरकार की तरफ से उनकी मांगों को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो उन्हें बड़ा कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
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