बागेश्वर विधानसभा उपचुनाव को उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल की तरह आंका जा रहा था। इसमें जीत तो बीजेपी की हुई लेकिन जिस तरीके से करीबी मुकाबले में भाजपा को जीत हासिल हुई है उस से कांग्रेस का मनोबल बढ़ा है। जिसे देखते हुए कांग्रेस लोकसभा चुनाव में भी बागेश्वर उपचुनाव की रणनीति अपना सकती है।
लोस चुनाव में कांग्रेस अपना सकती है बागेश्वर उपचुनाव की रणनीति
लोकसभी चुनाव अभी दूर हैं लेकिन कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ने अपनी तैयारियां काफी पहले से ही शुरू कर दी है। बागेश्वर उपचुनाव जीतने के बाद जहां बीजेपी मनोवैज्ञानिक बढ़त भी लोकसभा चुनाव को लेकर हासिल की हो लेकिन कांग्रेस को लगता है कि बागेश्वर उपचुनाव में जिस तरीके से करीबी मुकाबले में भाजपा को जीत हासिल हुई है उसे 2024 के लोकसभा चुनाव में पांचो सीट बीजेपी हारेगी।
बागेश्वर उपचुनाव की रणनीति कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव में अपना सकती है। इसके लिए उसने नए सिरे से रणनीति पर काम भी शुरू कर दिया है। पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले सभी विरोधी दलों को साथ लेकर एकजुट करेगी ताकि भाजपा को मजबूत चुनौती दी जा सके।
10 सालों से कांग्रेस बीजेपी को एक भी सीट पर नहीं दे पाई पटकनी
लोकसभा चुनाव के अखाड़े में बीते 10 सालों से कांग्रेस पार्टी बीजेपी को एक भी सीट पर पटकनी नहीं दे पाई है। साल 2014 साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रदेश की पांचो सीटों में से एक भी सीट नही जीत पाई। जबकि इससे पहले पार्टी ने साल 2004 में दो सीटें जीती थी। वहीं साल 2009 के चुनाव में कांग्रेस ने पांचों सीटों पर जीत का परचम लहराया था। इस बार बीते दस वर्षों का सूखा खत्म करना चाहेगी।
बागेश्वर उप चुनाव की रणनीति पार्टी लोकसभा चुनाव में अपना सकती है। इसके लिए उसने नए सिरे से रणनीति पर काम भी शुरू कर दिया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता की माने तो बागेश्वर उप चुनाव में कांग्रेस काफी हद तक मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाने में सफल रही है।
लोकसभा चुनाव में बड़ा बदलाव होने की उम्मीद कर रही है कांग्रेस
बीजेपी के मानें तो जनता कांग्रेस के माया जाल में नहीं फंसने वाली है जनता को सच्चाई पता है कि विकास और विकास के लिए कौन सी सरकार काम करती है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता विपिन कैंथोला ने कहा कि आगामी 2024 का चुनाव भी भाजपा ही जीतेगी और भाजपा उसके लिए अपनी रणनीति पर काम भी शुरू कर चुकी है।
बागेश्वर उप चुनाव उत्तराखंड में सियासी दलों के लिए लोकसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल था। जिसमें सफलता तो बीजेपी को मिली है। लेकिन जिस प्रकार से चुनाव के परिणाम सामना आए है उसे बीजेपी की चिंताएं भी कम नहीं हुई है । ऐसे में कांग्रेस इस बागेश्वर चुनाव को अपने लिए शुभ संकेत मान रही है और लोकसभा चुनाव में बड़ा बदलाव होने की उम्मीद कर रही है।