देहरादून: 2022 के देवभूमि दंगल को फतह करने के लिए राजनीतिक दल जोर आजमाइश कर रहे हैं। कांग्रेस की चुनावी कमान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के हाथ में है तो बीजेपी के दिग्गज नेता उत्तराखंड के ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं। कांग्रेस ने बीजेपी को उत्तराखंड के लिहाज से हर मोर्चे पर विफल बताया है, तो दूसरी तरफ बीजेपी ने कांग्रेस को नेतृत्वहीन करार दिया है।
उत्तराखंड में सियासी हलचल तेज़ हो चुकी है, कांग्रेस ने 2022 विधानसभा चुनाव का बिगुल हल्द्वानी से फूंक दिया है, कांग्रेस नेताओं की हर संभव कोशिश यही है की हर सीट पर जिताऊ उम्मीदवार खड़ा किया जाए और बीजेपी सरकार जिस तरह से 5 साल उत्तराखंड के लिहाज से हर मोर्चे पर विफल रही है। उसको मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ा जाये, हालांकि किस सीट पर कौन चुनाव लड़ेगा यह आलाकमान को तय करना है।
लेकिन, कांग्रेस का दावा है कि उत्तराखंड में यदि कोई जनता के हितों की कोई लड़ाई लड़ सकता है तो वह कांग्रेस पार्टी है। कांग्रेस प्रवक्ता और कुमाऊं मीडिया प्रभारी दीपक बलुटिया के मुताबिक उत्तराखंड में कांग्रेस इस समय काफी मजबूत स्थिति में है और पार्टी से बाहर जाने वाले लोगों या पार्टी ज्वाइन करने वाले नेताओं से किसी भी दावेदार के राजनैतिक भविष्य पर कोई प्रभाव पड़ने वाला नहीं है।
भाजपा नेताओं का मानना है की कांग्रेस उत्तराखंड में ही नहीं बल्कि पूरे देश में नेतृत्वहीन हो चुकी है, और उनके पास कोई ऐसा नेतृत्व नहीं है, जिसकी अगुवाई में वह चुनाव लड़ सकें। बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व और आलाकमान चुनावी मोड़ में ही नहीं, बल्कि हर समय प्रदेश के अंदर हर गतिविधि पर अपनी नजर बनाए रखते हैं और अपना मार्गदर्शन भी देते रहते हैं। लिहाजा भारतीय जनता पार्टी के आगे कांग्रेस कहीं भी मजबूत नजर नहीं आ रही है।
कांग्रेस के बड़े नेता बीच-बीच में बयानबाजी कर कांग्रेस को खुद ही डुबोने की कोशिश में जुटे हुए हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव का परिणाम कुछ भी हो। लेकिन, चुनाव की नजदीकी को देखते हुए राजनैतिक दलों की जोर आजमाइश जारी है। कांग्रेस को भले ही बीजेपी नेतृत्व हीन बता रही हो लेकिन हरीश रावत ने जिस तरह से उत्तराखंड में चुनावी कमान संभाली है उससे बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर होती नजर आ रही है।