मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तीन दिवसीय दिल्ली दौरे पर हैं। सीएम धामी का ये दिल्ली दौरा इन्वेस्टर समिट को लेकर होने वाली बैठक में शामिल होने के लिए है। दिल्ली में सीएम उद्योगपतियों से मुलाकात करेंगे।
इन्वेस्टर समिट को लेकर सीएम धामी दिल्ली दौरे पर
सीएम धामी तीन दिवसीय दिल्ली दौरे पर हैं। धामी सरकार जहां एक तरफ इन्वेस्टर समिट के आयोजन को लेकर तैयारियां तेज कर चुकी है। तो वहीं सीएम धामी के दिल्ली दौरे के दौरान कई उद्योगपति समूह के साथ बैठक होनी है। जिसमें उत्तराखंड में उद्योग लगाने को लेकर उद्योगपतियों के साथ विस्तार से बातचीत की जाएगी।
उद्योगपतियों को इनवेस्टर समिट में शामिल होने का देंगे निमंत्रण
वहीं उद्योगपतियों को उत्तराखंड में उद्योग लगाने को लेकर भी सीएम धामी सरकार की तरफ से इनवेस्टर समिट में शामिल होने और उद्योग लगाने को लेकर निमंत्रण भी देंगे। दिल्ली दौरे को लेकर मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि उत्तराखंड सरकार की कोशिश है कि उद्योगपति ज्यादा से ज्यादा निवेश करें। ताकि प्रदेश के लिए ये आर्थिक के लिहाज से मील का पत्थर साबित हो।
उद्योगों को लगाने के लिए बनाया जाएगा पर्याप्त लैंड बैंक
दिल्ली में उद्योगपति समूह के साथ सीएम की बैठक होनी है। इसके साथ ही उद्योगों को लगाने को लेकर सरकार की तरफ से पर्याप्त लैंड बैंक भी बनाया गया है। जिससे उद्योगों को लगाने में कोई दिक्कत उद्योगपतियों को ना हो।
वहीं उद्योग सचिव विनय शंकर पांडे का कहना है कि इन्वेस्टर समिट का जब आयोजन हो तो उस समय धरातल पर इन्वेस्टमेंट उतर सके। सरकार इसी उद्देश्य के साथ आगे बढ़ रही है। इब बार की जो इनवेस्टर समिट होगी उस के फायदे अगले चार से पांच साल में देखने को मिल जाएंगे।
उद्योगपति समूहों के साथ सीएम करेंगे बैठक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली दौरे को लेकर उद्योग सचिव विनय शंकर पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली में उघोगों के 15 से 20 समूहों के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बैठक करेंगे। जिसमें उत्तराखंड में उद्योगपति क्यों उद्योग लगाएं इसको भी विस्तार से बताया जाएगा।
उत्तराखंड में उद्योग लगाने के लिए पर्यावरण दृष्टि से भी जहां बेहतर है तो वहीं कानून व्यवस्था भी उत्तराखंड अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर सिंगल विंडो सिस्टम जहां उद्योगपतियों के लिए आकर्षित का केंद्र बना है। वहीं एमएसएमई के तहत पहाड़ों में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 40 लाख के अनुदान को बढ़ाकर चार करोड़ तक किया गया है।
जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में पैदा होने वाले उत्पाद को लेकर उद्योग लगाए जा सकते हैं। उत्तराखंड में इन्वेस्टमेंट बढ़े इसको लेकर कई पॉलिसियों में जहां बदलाव किया गया है। वहीं दो से तीन और पॉलिसियों में बदलाव इन्वेस्टर्स समिट से पहले हो जाएगा।
इनपुट – मनीष डंगवाल