सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पीएम मोदी की अध्यक्षता में हो रही नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में भाग लिया। सीएम धामी ने उत्तराखंड के विकास में मार्गदर्शन और सहयोग के लिए प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया।
नीति आयोग की बैठक में सीएम धामी ने किया प्रतिभाग
दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में सीएम धामी ने प्रतिभाग किया। इसमें सीएम धामी ने पीएम मोदी और केंद्र सरकार का उत्तराखंड के विकास में मार्गदर्शन और सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हुए ग्रीन बोनस, ऊर्जा, नदी जोडो़ परियोजना के साथ ही कई बिंदुओं को रखा।
सीएम ने की प्रदेश के लिए ग्रीन बोनस की मांग
सीएम धामी ने कहा कि राज्य के लगभग 70 प्रतिशत क्षेत्र में वनों, बुग्यालों, ग्लेशियरों का संरक्षण करके हम सम्पूर्ण राष्ट्र को महत्वपूर्ण पर्यावरणीय सेवायें उपलब्ध करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि आईआईएफएम, भोपाल के एक अध्ययन के अनुसार उत्तराखण्ड के वनों से प्राप्त होने वाली इन सेवाओं का न्यूनतम मौद्रिक मूल्य 95,000 करोड़ रूपये प्रतिवर्ष है।
भविष्य में राज्यों के मध्य संसाधनों के आवंटन में इन वन एवं पारिस्थितिकी सेवाओं के मानक को बढ़ाने का उन्होंने अनुरोध किया। सीएम धामी ने कहा कि जब तक यह प्रणाली अस्तित्व में नहीं आती तब तक उत्तराखण्ड राज्य को ग्रीन बोनस दिया जाये।
सीएम धामी ने पीएम मोदी से समस्याओं के समाधान का किया अनुरोध
सीएम धामी ने कहा कि साल भर यात्रा के लिए बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों का वर्ष भर आवागमन होता है, जो राज्य की जनसंख्या का पांच से छह गुना है। तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों को समस्त आधारभूत सुविधायें जैसे- पार्किंग, यातायात, पेयजल, स्वच्छता, आवास, परिवहन, जन सुरक्षा इत्यादि राज्य के सीमित संसाधनों से ही करनी होती है।
उन्होंने वित्तीय संसाधनों के आवंटन एवं नीति निर्माण में इस महत्वपूर्ण तथ्य को सम्मिलित किये जाने का अनुरोध किया। इसके साथ ही सीएम धामी ने पीएम मोदी से वाह्य सहायतित परियोजनाओं से संबंधित समस्याओं का समाधान करने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही सीएम ने अनुरोध किया कि 25 मेगावाट से कम क्षमता की परियोजनाओं के अनुमोदन तथा क्रियान्वयन का अधिकार राज्य सरकार को प्रदान किया जाए।
नदी-जोड़ो परियोजना के लिए की विशेष वित्तीय सहायता की मांग
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नदी जोड़ो योजना के अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा कुछ हिमनद नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़ने पर विचार किया जा रहा है। जिसेक लिए अधिक धनराशि की जरूरत है।
उन्होंने इसके लिए भारत सरकार से विशेष वित्तीय सहायता एवं तकनीकी सहयोग का अनुरोध किया। इसके साथ ही सीएम धामी ने केन्द्र पोषित योजनाओं में लचीलापन लाने के लिए भी अनुरोध किया।
औद्योगिक प्रोत्साहन नीति को विस्तारित करने के लिए किया अनुरोध
सीएम धामी ने औद्योगिक प्रोत्साहन नीति को उत्तराखण्ड राज्य में भी आगामी पांच वर्षो के लिये विस्तारित करने का अनुरोध किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की कड़ी में उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने का लक्ष्य- सशक्त उत्तराखण्ड @25 की अवधारणा के आधार पर तेज गति से कार्य प्रारम्भ कर दिया है।
ज्यादा काम पूरा करने वाला गुजरात के बाद उत्तराखण्ड दूसरा राज्य
सीएम धामी ने कहा कि भारत सरकार की तर्ज पर राज्य में स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखण्ड (सेतु) का गठन किया है। गुजरात के जी.आई.डी.बी की तर्ज पर अवस्थापना सुविधाओं के सृजन हेतु उत्तराखण्ड निवेश और अवस्थापना विकास बोर्ड का गठन किया गया है ताकि घरेलू एवं अन्तर्राष्ट्रीय निवेशकों को राज्य में आकर्षित किया जा सके।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पी.एम. गतिशक्ति में गुजरात के बाद उत्तराखण्ड दूसरा राज्य है, जिसके द्वारा अधिकतम कार्य पूरा किया गया है। जल संरक्षण को बढ़ावा देने, बाढ़ नियन्त्रण में सहायक और सभी विकास कार्यो में इकोनॉमी तथा इकोलॉजी का सन्तुलन सुनिश्चित करने के लिये ‘स्प्रिंग एंड रिवर रिजूवनेशन अथॉरिटी बनायी जा रही है।
इससे स्थानीय स्तर पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा जल आधारित रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। नगरीय मल्टी मॉडल परिवहन सुविधा के लिये यूनिफाइड मेट्रोपॉलिटयन ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (यू.एम.टी.ए) का गठन किया गया है।