लोहाघाट के ग्राम पाटन पाटनी में चार दिवसीय मां झूमाधूरी नन्दाष्टमी महोत्सव का देवीरथ निकलने के साथ समापन हो गया है। दोपहर बाद ग्राम पाटन पाटनी के पालदेवती मंदिर और रायकोट महर और कुंवर के भगवती मंदिर से ढोल नगाड़ों के साथ देवीरथ निकाला गया।
ढोल-नगाड़ों के साथ निकाला गया झूमाधूरी नन्दाष्टमी महोत्सव का देवीरथ
लोहाघाट में आज ढोल-नगाड़ों के साथ झूमाधूरी नन्दाष्टमी महोत्सव का देवीरथ निकाला गया। दोपहर बाद निकला देवरथ कठिन रास्तों और दुर्गम पहाड़ी को पार करते हुए मां झूमाधुरी मंदिर में पहुंचा। जहां देवीरथ द्वारा मंदिर की परिक्रमा की गई। इसके साथ ही देव डांगरों द्वारा सभी भक्तों को आशीर्वाद दिया गया।
खाल नामक स्थान में देवीरथ पहुंचने पर डांगरों को गाल खिलाई गई। वहीं पाटन पाटनी के डोले में मां भगवती के रूप में उमेश चन्द्र पाटनी और धन सिंह पाटनी विराजमान थे। जबकि राईकोट के डोले में मां भगवती के रूप में दान सिंह महर और मां महाकाली के रूप में राधा महर सवार थी।
हज़ारों श्रद्धालुओं ने लिया मां का आशीर्वाद
मेले की पहली रात झूमाधुरी मंदिर मे भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें हज़ारों लोगो ने प्रसाद ग्रहण किया। महिलाओं ने रातभर भजन-कीर्तन का गायन किया। मां झूमाधुरी नन्दाष्टमी महोत्सव के देवीरथ का आशीर्वाद लेने के लिए हजारों श्रद्धालु लोहाघाट पहुंचे।