ऋषिकेश : डीजल, टायर व कलपुर्जों सहित टैक्स में हुई वृद्धि का असर इस वर्ष चारधाम यात्रा पर भी दिखेगा। बीते चार दशक से चारधाम यात्रा का संचालन करने वाली संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति ने इस साल चारधाम के बसों के किराए में 18 फीसदी की वृद्धि की है। हालांकि, राज्य सड़क प्राधिकरण की ओर से इस तरह की कोई किराया वृद्धि नहीं की गई है।
उत्तराखंड की नौ प्रमुख परिवहन कंपनियों की साझा संस्था संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति पिछले 40 वर्षों से चारधाम यात्रा का संचालन कर रही है। वर्ष 2013 की आपदा में परिवहन व्यवसायियों को भारी नुकसान हुआ और यात्रा भी ठप रही।
संयुक्त रोटेशन ने नुकसान सहते हुए भी तीन वर्षों तक किराये में कोई वृद्धि नहीं की। बीते वर्ष रोटेशन ने किराया बढ़ाया था और इस वर्ष भी किराये में 18 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है।
रोटेशन कार्यालय में आयोजित संचालकों की बैठक में अध्यक्ष सुधीर राय ने कहा कि परिवहन व्यवसाय से जुड़ी हर सेवा की कीमतें बढ़ी हैं। इससे परिवहन व्यवसायियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने बैठक में वर्ष 2017 की तुलना में इस वर्ष किराये में 18 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव रखा। जिसे सर्वसम्मति से मंजूर कर लिया गया। पंद्रह मार्च के बाद यात्रा में जाने वाली बसों में लॉटरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
200 से 300 रुपये का अतिरिक्त बोझ
इस वर्ष सभी धामों की यात्रा के लिए प्रति यात्री 200 से 300 रुपये तक अतिरिक्त भुगतान करेगा। रोटेशन ने सेम मुखेम के लिए 12000 रुपये, औली के लिए 3000 रुपये, त्रियुगीनारायण के लिए 3000 रुपये और वाया सहस्रधारा 2000 रुपये प्रति यात्री किराया निर्धारित किया है।
संयुक्त रोटेशन का किराया (वर्ष 2018)
धाम—(सामान्य 41 सीट) सामान्य 20 सीट) (पुशबैक 18 सीट)
एक धाम 1330 1600 2220
दो धाम 1810 2170 3030
तीन धाम 2560 3070 4280
चार धाम 3170 3800 5300
गंगोत्री-बदरी 2360 2830 3950