चांद की सतह को छूने वाले Chandrayaan -3 की सफलता का जश्न पूरा देश मना रहा है। बुधवार शाम चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग ने इतिहास रच दिया। जिसके बाद भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपने अंतरिक्ष यान को उतारा है। चंद्रयान-3 की सफलता में नैनीताल के बेटे जितेश की भागीदारी भी रही है।
जितेश ने बढ़ाया प्रदेश के साथ-साथ देश का मान
जितेश धारियाल पुत्र कैलाश धारियाल नैनीताल जिले के लालकुंआ के रहने वाले हैं। जितेश भी Chandrayaan-3 के अभियान से जुड़े हुए हैं। बता दें जितेश का चयन पिछले साल नौ जून 2022 को इसरो में हुआ था।
जितेश इसरो में मैकेनिकल वैज्ञानिक के पद पर तैनात हैं। जितेश के पिता कैलाश सेंचुरी पेपर मिल से सेवानिवृत्ति हैं। जबकि उनकी मां एक हाउस वाइफ हैं।
क्षेत्र में खुशी की लहर
जानकारी के अनुसार जितेश के पिता कैलाश धारियाल ने बताया कि चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग के दिन उनका बेटा मिशन के प्रमुख हिस्से में शामिल था। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग पर परिवार के साथ-साथ पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है।
उन्होंने बताया कि जितेश बचपन से ही होनहार है। जितेश ने इंटरमीडिएट की पढ़ाई आर्यमन विक्रम बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ लर्निंग हल्द्वानी से की है। इसके बाद एनआईसी कुरुक्षेत्र में बीटेक किया था। जितेश का चयन 2022 को इसरो में हो गया था।