पौड़ी में एसएसपी श्वेता चौबे के निर्देशन में धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्यवाही की है। पौड़ी पुलिस ने बताया कि न्यायालय को गुमराह करते हुये जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर कूटरचित दस्तावेद तैयार करने वाले तीन शातिर आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
बहन ने दी भाई के जीवित होने की सूचना
बता दें कि 14 अक्टूबर 2022 को पहली बार झण्डीचौड़ पूर्वी कोटद्वार की रहने वाली शीला देवी ने पुलिस के पास जाकर अपने भाई सत्यपाल का बेटा बताने वाले पुरुषोत्तम के खिलाफ पुलिस में एफआईआई दर्ज की है। शीला देवी ने बताया कि उनका भाई जिंदा है और उनके साथ रहता है लेकिन खुद को सत्यपाल का बेटा बताने वाले पुरुषोत्तम ने झूठे एवं बनावटी तौर पर सत्यपाल को 1998 से लापता बताते हुए न्यायालय के सिविल जज के सामने झूठे दस्तावेज और साक्ष्य प्रस्तुत करें साथ ही जज को गुमराह कर उनके भाई सत्यपाल को मृत घोषित कर दिया इसके साथ ही पश्चिमी झण्डीचौड़, हल्दूखाता की कई हैक्टेयर जमीन को अपने नाम कर लिया। उन्होनें कहा कि उनका भाई स्वस्थ है और उनके साथ रहता है। साथ ही उन्होनें अपने भाई के 2009 से 2015 तक जमीन खरीदने और बेचने की जानकारी भी पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस ने सूचना के आधार पर कोटद्वार कोतवाली में पुरुषोत्तम के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया।
एसएसपी श्वेता ने की तीनों की गिरफ्तारी
पौड़ी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने उक्त धोखाधड़ी की घटना की गम्भीरता को देखते हुये जल्द न्याय दिलाने के लिए टीम गठित करने के कड़े आदेश देकर मामले की स्वयं मॉनिटरिंग की। अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार शेखर चन्द्र सुयाल के निर्देशन में टीम का नेतृत्व किया गया। वहीं साक्ष्यों के आधार पर पुलिस टीम द्वारा सर्विलांस, मुखबीरों आदि की मदद से आज दिनांक 10 मई 2023 को सुनील, पुरुषोत्तम और पुष्पा देवी को गिरफ्तार किया है । अभियुक्तों के अन्य आपराधिक इतिहास की जानकारी ली जा रही है। गिरफ्तारशुदा अभियुक्तों को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश कर जेल भेज दिया गया है।