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उत्तराखंड में अब जमीन खरीदना और भी महंगा हो गया है। प्रदेश में 3 साल बाद सर्किल रेट में 33.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में नए सर्किल रेट पर मुहर लग गई है। नई दरें अधिसूचना जारी होने के बाद पूरे प्रदेश में लागू हो जाएंगी।
3 साल बाद सर्किल रेट में 33.6 प्रतिशत की हुई बढ़ोतरी
उत्तराखंड में जमीनों के दाम बढ़ गए हैं। अब प्रदेश में जमीन खरीदना और भी महंगा हो गया है। 3 साल बाद सर्किल रेट में 33.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। बुधवार को हुई धामी कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लग गई है। प्रदेश में अधिसूचना जारी होने के बाद नई दरें लागू हो जाएंगी।
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मैदानी और पर्वतीय जिलों में इतने बढ़े सर्किल रेट
बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में हुए निर्णयों की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने बताया कि सर्किल रेट में औसत बढ़ोतरी 33.6 प्रतिशत है। कृषि की जमीनों की दरों में 32.47 और अकृषि जमीनों की दरों औसत 34.83 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि प्रदेश में 86 प्रतिशत क्षेत्र ऐसा है जहां सर्किल रेट में 50 प्रतिशत से भी कम की बढ़ोतरी हुई है। जबकि 9 प्रतिशत क्षेत्र में सर्किल रेट में 50 से 100 प्रतिशत और पांच प्रतिशत क्षेत्र में 100 से 300 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है। जबकि पर्वतीय जिलों में भी जमीनों की खरीद-फरोख्त बढ़ने की वजह से सर्किल रेट में करीब 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।
राज्य स्थापना से लेकर अब तक प्रदेश में सर्किल रेट औसत 20 गुना बढ़ा
मुख्य सचिव ने जानकारी दी की राज्य स्थापना से लेकर अब तक प्रदेश में सर्किल रेट औसत 20 गुना बढ़ गया है। इस साल सर्किल रेट में बढ़ोतरी के बाद 1700 करोड़ राजस्व मिलेगा। सभी राजस्व ग्रामों को जीआईएस मैपिंग के माध्यम से जोड़ा गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सर्किल रेट में विसंगतियों को दूर करने का प्रयास किया गया है।