प्रदेश में नौकरशाही के बेलगाम होने की बात अक्सर उठती रही है। कभी लोगों ने तो कभी खुद नेता ही इस बात को कहते रहे हैं। ऐसा ही एक बार फिर देखने को मिल रहा है। अबकी बार तो बड़े अधिकारियों के खिलाफ सचिवालय संघ ने ही मोर्चा खोल दिया है। इस मामले में सचिवालय संघ के अध्यक्ष के बयान से ये खुलासा हुआ है।
उत्तराखंड में नौकरशाही हुई बेलगाम
आए दिन उत्तराखंड में अफसरशाही के बेलगाम होने की बात उठते रहती हैं। ऐसा ही एक बार फिर हुआ है। लेकिन इस बार सचिवालय संघ ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने इसको लेकर कहा है कि अफसर सचिवालय संघ के कर्मचारियों के साथ बदतमीजी करते हैं। भरी सभा में कर्मचारियों पर काम ना करने का ताना मारा जाता है।
सचिवालय संघ और बड़े अधिकारियों के बीच लगातार विवाद बढ़ता जा रहा है। सचिवालय संघ के अध्यक्ष ने कहा कि बड़े अधिकारी जुमलेबाजी करते रहते हैं। अधिकारी अक्सर ये कहते हैं कि सचिवालय संघ के कर्मचारी और अधिकारी काम नहीं करते हैं केवल पत्रावलियों को घुमाने का काम करते हैं।
राधा रतूड़ी निशाने पर?, इशारों में बड़ा आरोप
सचिवालय संघ ने अधिकारियों से सवाल किए हैं कि कितने अधिकारियों ने राज्य के विकास के लिए अपना योगदान दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने सवाल किया है कि कितने बड़े अधिकारियों ने राज्य में राजस्व की बढ़तरी के लिए अपना योगदान दिया है।
हालांकि किसी का खुलकर नाम नहीं लिया गया है लेकिन माना जा रहा है कि निशाने पर एसीएस राधा रतूड़ी हैं। पिछले कुछ समय से राधा रतूड़ी और संघ के बीच तनाव की खबरें आ रहीं हैं।
संघ अध्यक्ष ने कहा कि केवल पहाड़ी टोपी लगाने से पहाड़ के हितैषी नहीं हो जाते, केवल पहाड़ी टोपी लगाने से पहाड़ का विकास नहीं हो जाएगा। अगर बड़े अधिकारियों को वाकई में पहाड़ का दर्द है तो उन्हें ऐसी टिप्पणियों से बचना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाया है कि अगर पत्रावलियों का मूवमेंट नहीं हो रहा है तो कैसे पत्रावलियां पटल पर जा रही हैं। कैसे प्रदेश का विकास हो रहा है।
समय से पहले अधिकारियों के प्रमोशन लेने को लेकर उठाए सवाल
सचिवालय संघ मे समय से पहले आईपीएस और आइएएस अधिकारियों के प्रमोशन लेने को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि तमाम विभागों में सालों से पद रिक्त हैं लेकिन उन पर कर्मचारियों को प्रमोशन नहीं दिया जा रहा है। लेकिन सरकार के नुमांइदें समय से पहले ही प्रमोशन पा रहे हैं।
प्रदेश में हावी है नौकरशाही
ऐसे में सरकार पर भी कई सवाल उठते हैं। इस से सरकार के सिस्टम के दोहरे मापदंड उजागर होते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में नौकरशाही हावी है। अगर ऐसा ना होता तो कैसे प्रदेश में समय से पहले नौकरशाहों को प्रमोशन मिल रहे हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि बड़े अधिकारियों के लिए प्रभारी की व्यवस्था क्यों है। अधिकारियों को हर सुविधा चाहिए लेकिन कर्मचारियों को राज्य की आर्थिक व्यवस्था का हवाला दिया जाता है। सचिवालय संघ ने एक राज्य एक नीति की मांग की है। इसके साथ ही संघ ने सरकार से इन नुमाइंदों पर नकेल कसने की मांग की है।
समय से पहले अधिकारियों के प्रमोशन पर संघ ने उठाए सवाल
संघ ने सवाल उठाया है कि समय से पहले अधिकारियों का प्रमोशन कैसे हो गया। क्या इसमें आईएस मैनुअल का पालन किया गया है। क्या समय से पहले ये प्रमोशन लीगल हैं। पिछले चार साल से सचिवालय में आए दिन ट्रांसफर हो रहे हैं।
सचिवालय में आए दिन हो रहे इन ट्रांसफर पर रोक लगनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने एक नियत ट्रांसफर पॉलिसी की मांग की है। सचिवालय संघ के अध्यक्ष ने कह कि इस मामले में उन्होंने सीएम धामी से भी मुलाकात कर पूरे मामले की जानकारी दी है। सचिवालय संघ ने समय से पहले प्रमोशन पर सीएम से शिकायत की है।