उत्तराखंड में रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को और बेहतर बनाने के लिए केंद्र ने बड़ी सौगात दी है। इस बार रेल बजट में उत्तराखंड के लिए केंद्र ने 5004 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। ये पैसा राज्य में रेल परियोजनाओं को गति देने और नई परियोजनाओं को क्रियान्वयन में काम आएगा।
शुक्रवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मीडिया से बातचीत की और नई योजनाओं के बारे में बताया। रेल मंत्री के मुताबिक केंद्र ने इस बार उत्तराखंड के लिए 5004 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इस बजट से जहाँ सामरिक महत्व ऋषिकेश- कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट में तेजी आएगी तो वही हरिद्वार, देहरादून रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाया जाएगा।
विश्रामगृह की भी होगी सुविधा
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया की यह रकम वर्ष 2009 -14 की तुलना से 27 गुना अधिक है। वर्ष 2009 -14 में यह रकम 187 करोड़ थी। इस बजट से देहरादून और हरिद्वार को वर्ल्ड क्लास स्टेशन के तौर पर विकसित करने की योजना है। मंडल रेल प्रबंधक अजय नंदन ने बताया कि हरिद्वार और देहरादून स्टेशन के ठीक ऊपर 45 से लेकर 117 मीटर चौड़ा रूफ टॉप प्लाजा (Roof top Plaza) बनेगा। इसमें खानपान के साथ विश्राम करने की सुविधा होगी। यात्रियों के साथ इसका इस्तेमाल आम लोग भी कर सकेंगे।
हर्रावाला स्टेशन की बदलेगी तस्वीर
हर्रावाला रेलवे स्टेशन को 105 करोड़ की लागत से टर्मिनल रेलवे स्टेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां से 24 कोच वाली ट्रेनों का संचालन करने के लिए प्लेटफॉर्म का विस्तारीकरण कर नए प्लेटफार्म बनाए जाएंगे। देहरादून से चलने वाली कई ट्रेनों का संचालन भी हर्रावाला से ही किया जाएगा। देहरादून से चुनिंदा ट्रेनें ही चलेंगी। हर्रावाला से हरिद्वार के बीच के पड़ने वाले डोईवाला, रायवाला और कांसरो जैसे स्टेशनों के कायाकल्प पर इस बजट से 150 करोड़ रूपये खर्च होंगे।
इन स्टेशनों पर मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं
काशीपुर, लालकुआं, रामनगर, टनकपुर, किच्छा, काठगोदाम, हर्रावाला, रुड़की और कोटद्वार रेलवे स्टेशनों पर लिफ्ट के साथ स्वचालित सीढ़ियां भी लगाई जाएंगी। बिल्डिंग का कायाकल्प, प्लेटफार्म का विस्तारीकरण, आधुनिक शौचालय, यात्री विश्राम गृह, वाटर एटीएम बूथ आदि का निर्माण किया जाएगा।
रुड़की- देवबंद रेल परियोजना में आएगी तेजी
मंडल रेल प्रबंधक अजय नंदन ने बताया कि अब बहुप्रतीक्षित रुड़की-देवबंद रेल परियोजना के निर्माण कार्यों को भी गति मिलेगी। रुड़की रेलवे स्टेशन पर दो नए प्लेटफार्म का निर्माण करने के साथ ही नए फुट ओवर ब्रिज, स्वचालित सीढ़ी का निर्माण किया जाएगा। रुड़की ऐतिहासिक स्टेशनों में शामिल है। यह देश का पहला स्टेशन है, जहां वर्ष 1852 में पहली बार मालगाड़ी का संचालन किया गया था।
कोटद्वार में कंप्यूटर के जरिए होगा सिग्नल प्रणाली का संचालन
मंडल रेल प्रबंधक अजय ने बताया कि अमृत भारत योजना के तहत कोटद्वार रेलवे स्टेशन से ट्रेनों का संचालन पुरानी सिग्नल प्रणाली की जगह कंप्यूटर के जरिए किया जाएगा। इसके लिए रेलवे की ओर से निर्माण कार्य किए जा रहे हैं।
750 रेलवे स्टेशनों पर एक स्टेशन एक उत्पाद की सुविधा
देश में 750 रेलवे स्टेशनों पर केंद्र सरकार ने एक स्टेशन- एक उत्पाद योजना लागू की थी। इसमें हरिद्वार और देहरादून स्टेशन शामिल हैं। यहां गैर सरकारी संगठन और संस्थाएं स्थानीय उत्पाद के स्टॉल लगाती हैं। ताकि स्थानीय उत्पादों को देश विदेश में पहचान मिल सके।
तीन परियोजनाओं लटकी अधर में
केंद्र के इस बजट में बागेश्वर-टनकपुर, कर्णप्रयाग- बदरीनाथ, डोईवाला-गंगोत्री-यमुनोत्री जैसी रेल परियोजनाओं के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। बता दें कि धार्मिक, सामरिक और पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण इन रेल परियोजनाओं के लिए रेलवे सर्वे कर चुका है। लेकिन अभी तक बात इससे आगे नहीं बढ़ पाई है।