देहरादून : विधानसभा सभा के चौथे दिन की कारवाई शुरु हुई जिससे पहले पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई. संसदीय कार्यमंत्री की ओर से सदन में शोक प्रस्ताव रखा गया. सदन में पुलवामा शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. जिसके बाद सदन स्थागित कर दिया गया। अब 18 फरवरी को बजट पेश होगा।
आपको बता दें इस हमले मे उत्तराखंड के भी दो लाल शहीद हो गए जिसमें एक जवान खटीमा के निवासी थे जबकि एक जवान उत्तरकाशी का निवासी था.
विधायकगण सेना के फंड में अपने एक माह का वेतन दें- सीएम
सदन में नियम 112 ए के तहत संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने सदन में पढ़ी शोक संवेदना. सदन में मुख्यमंत्री रावत ने एक माह का वेतन शहीदों के परिवारों को देना का रखा प्रस्ताव. सीएम ने कहा कि विधायकगण सेना के फंड में अपने एक माह का वेतन दें. सीएम के इस प्रस्ताव की कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने सराहना की. नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रिदेश ने शहीद के परिवारों की आर्थिक स्थिति देखकर मदद करने की कही बात.
भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा का बयान
वहीं भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा ने सदन में बड़ा बयान देते हुए 6 माह का वेतन शहीद परिवारों को देने की घोषणा की साथ ही कहा कि 14 फरवरी को युवा अगले साल से वेलेंटाइन डे की बजाय शहीद दिवस मनाए
मैं वाघा बॉर्डर पर जाकर प्रदर्शन करूँगा-विधायक
इस दौरान भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल ने सदन में बड़ा बयान दिया औऱ कहा कि आंतकवाद का अड्डा बना पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन करूंगा. विधायक ने कहा कि मैं वाघा बॉर्डर पर जाकर प्रदर्शन करूँगा. साथ ही कहा कि जो सदस्य साथ चलने के लिए तैयार हूँ उनका भी स्वागत करूंगा.
भारतीय सेना ने उरी घटना का बदला सर्जिकल स्ट्राइक से लिया अब पुलवामा…-सीएम
पुलवामा की आतंकी हमले की घटना को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कायराना करार दिया औऱ कहा कि देश की सेना शहीदों की हर एक खून की बूंद की कीमत जानती है. सीएम ने कहा कि भारतीय सेना ने उरी घटना का बदला सर्जिकल स्ट्राइक से लिया अब पुलवामा की घटना पर भी सैन्य बल कार्यवाई करेंगे.
सरकार शहीदों के घरों की स्थिति जाने और उनकी पूरी मदद करे.-नेता प्रतिपक्ष
वहीं नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा ये दुःखद घटना है. उत्तराखण्ड के सर्वाधिक युवा भारतीय सेना में सेवा दे रहे हैं. इंदिरा ने कहा केवल एक माह का वेतन देने से कुछ नहीं होगा केंद्र से मांग करते हैं कि सरकार शहीदों के घरों की स्थिति जाने और उनकी पूरी मदद करे.