विमान हादसे में 8 दिसंबर को सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 अधिकारियों और सिपाहियों की मौत हो गई। बिपिन रावत और उनकी पत्नी का शुक्रवार को दिल्ली कैंट के बरार स्क्वायर श्मशान घाट पर दोनों बेटियों कृतिका और तारिणी ने मुखाग्नि दी। जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी के शव भी एक साथ ही चिता पर रखे गए थे।
दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत की अंतिम यात्रा में जब तक सूरज चांद रहेगा, बिपिन जी का नाम रहेगा… अमरता के इन नारों की गूंज के बीच अंतिम यात्रा में हजारों लोग हमसफर बने। आंखें नम थीं, लेकिन वीरता का गर्व भी था और उसके सम्मान में पुष्पवर्षा करते रहे। मां भारती के वीर सपूत के लिए नारे लगाते रहे।
17 तोपों की सलामी भी दी गई
दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत को 17 तोपों की सलामी भी दी गई। जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत की अंतिम यात्रा पूरे सैन्य सम्मान के साथ निकाली गई। सीडीएस जनरल बिपिन रावत की दोनों बेटियों कृतिका और तारिणी ने अपने माता-पिता को श्रद्धांजलि दी। परिवार के अन्य सदस्य भी रावत की अंतिम विदाई में शामिल हुए। तीनों सेनाओं के अध्यक्षों ने दी देश के पहले CDS को श्रद्धांजलि।
इस मौके पर जनरल बिपिन रावत के छोटे भाई का परिवार, मधुलिका रावत की फैमिली के लोग भी मौजूद थे। यही नहीं बड़ी संख्या में सैनिकों के परिवार, राजनीतिक हस्तियां, कई देशों के सेनाध्यक्ष और राजनियक भी मौजूद थे।